हुबली

पिता बस परिचालक, बेटे सिद्दालिंगप्पा ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में हासिल की 589 वीं रैंक, पांचवे प्रयास में मिली सफलता

कन्नड़ माध्यम से की हैं पढ़ाई, सीआरपीएफ में सहायक समादेष्टा के पद पर हो चुका है चयन
Father Bus Conductor, Son Siddalingappa secured 589th rank in UPSC Civil Services Examination, success in fifth attempt

हुबलीMay 23, 2023 / 09:08 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

Siddalingappa With His Father, Mother and Brothers

हुब्बल्ली. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 2022 की सिविल सेवा परीक्षा में धारवाड़ जिले के अन्निगेरी के सिद्दालिंगप्पा के. पुजार ने 589 वीें रैंक हासिल की है। सिद्दालिंगप्पा के पिता सिद्धप्पा कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) में बस परिचालक है। यूपीएससी के नतीजे मंगलवार को घोषित हुए।
सिद्दालिंगप्पा पुजार ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि उसने प्राइमरी व हाई स्कूल की परीक्षा अपने गांव से ही कन्नड़ माध्यम से की और जेएसएस कॉलेज धारवाड़ से बारहवीं की परीक्षा पास की। बाद में बेंगलूरु के विश्वेसवरैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल एंड कम्युनिकेशन में साल 2015 में गोल्ड मेडल के साथ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। बाद में बेंगलुरू में तेजस नेटवर्क में तीन साल तक नौकरी की। इसके बाद नौकरी छोड़ यूपीएससी की तैयारी में लग गए। यह उनका पांचवा प्रयास था। इससे पहले भी एक बार साक्षात्कार तक पहुंचे लेकिन अंतिम रूप से चयन नहीं हो सका था। पिछले साल सीआरपीएफ में सहायक समादेष्टा के पद पर चयन हुआ और प्रशिक्षण शुरू कर दिया लेकिन चोट लगने के कारण प्रशिक्षण पूरा नहीं कर सके।
अधिकांश सेल्फ स्टडी की
सिद्दालिंगप्पा ने यूपीएससी की परीक्षा में कन्नड साहित्य मुख्य विषय के रूप में लिया था। इस दौरान अधिकांश सेल्फ स्टडी की लेेकिन साक्षात्कार के लिए बेंगलुरू में इंडिया फॉर आइएएस समेत कुछ कोचिंग सेंटरों का सहारा लिया। सिद्दालिंगप्पा के दो छोटे भाई है। एक भाई खेती और दूसरा चालक है। माता शांतवा खेती का काम करती है।
शुरू से ही रहा मेघावी
सिद्दालिंगप्पा के पिता सिद्धप्पा ने बताया कि सिद्दालिंगप्पा शुरू से ही मेघावी रहा है। साधन-सुविधा की कमी के बावजूद उसने यह उपलब्धि हासिल कर परिवार का नाम ऊंचा किया हैं। परिवार व गांव में खुशी का माहौल है।
समूचे विभाग के लिए खुशी
कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) में बोर्ड सदस्य तथा मुख्य जन संपर्क अधिकारी डॉ. टी.एस. लता ने कहा कि विभाग में कार्यरत बस परिचालक के बेटे का यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा पास करना गौरव की बात है। समूचे विभाग के लिए भी यह खुशी का पल है।

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