कोप्पल जिले में प्रतिदिन 400 से 500 जनों में संक्रमण की पुष्टि हो रही है। ज्यादातर अस्पतालों में बेड की कमी सामने आ रही है। कोप्पल जिले में छह सरकारी कोविड अस्पताल, चार कोविड केयर सेंटर तथा दस निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
मौजूदा जानकारी के अनुसार सरकारी अस्पतालों में कुष्टगी तथा मुनिराबाद के अस्पताल में चार-चार बेड को छोड़कर अन्य सभी अस्पतालों में सभी बेड फुल हैं। चार कोविड केयर सेंटर में कुल 260 बेड में 15 ही खाली हैं। वहीं दस निजी अस्पतालों में 272 में से 267 बिस्तर फुल हो चुके हैं और केवल पांच बिस्तर मात्र उपलब्ध हैं।
ऐसे में कोप्पल गविमठ के स्वामी (मठाधीश) ने सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए अपने आयुर्वेद महाविद्यालय के कर्मचारियों से सौ बिस्तर के कोविड अस्पताल को शुरू करवाया है। इसमें 80 बिस्तरों में ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है।
वृद्धाश्रम के लिए निर्मित भवन में बना अस्पताल
गविमठ में वृद्धाश्रम के लिए निर्मित भवन में सौ बिस्तरों का अस्पताल शुरू हुआ है। इसके लिए जरूरी कर्मचारी तथा चिकित्सकों को मठ के आयुर्वेद महाविद्यालय से उपलब्ध करने की तैयारी की जा रही है।
गविमठ में वृद्धाश्रम के लिए निर्मित भवन में सौ बिस्तरों का अस्पताल शुरू हुआ है। इसके लिए जरूरी कर्मचारी तथा चिकित्सकों को मठ के आयुर्वेद महाविद्यालय से उपलब्ध करने की तैयारी की जा रही है।
जिले के जनप्रतिनिधि सांसद संगण्णा करडी, विधायक राघवेंद्र इट्नाल, परण्णा मुनवल्ली तथा अमरेगौड़ा बय्यापुर समेत अधिकारियों से मंगलवार शाम को पूजा करवाकर अस्पताल शुरू किया है। कल्याणी कारखाने के अधिकारियों से गविमठ के स्वामी ने कहा कि राजस्थान के एक छोटे से गांव में एक ही दिन में कोविड अस्पताल को शुरू किया है।
कई बड़े उद्योगों वाले कोप्पल जिले के उद्यमियों को कोविड अस्पताल शुरू करना चाहिए। संकट की इस घड़ी में लोगों की मदद को आगे आना चाहिए।