टॉपर छात्रा के खिलाफ आपराधिक मामले वापस लेने का सरकार से आग्रह
हुबलीPublished: Jun 22, 2021 08:11:31 pm
टॉपर छात्रा के खिलाफ आपराधिक मामले वापस लेने का सरकार से आग्रह
टॉपर छात्रा के खिलाफ आपराधिक मामले वापस लेने का सरकार से आग्रह
टॉपर छात्रा के खिलाफ आपराधिक मामले वापस लेने का सरकार से आग्रह
-गोवा में प्रतिपक्ष के नेता दिगंबर कामत ने कहा
पणजी
गोवा में प्रतिपक्ष के नेता दिगंबर कामत ने मंगलवार को राज्य सरकार से बीएससी (टीवाईबीएससी) के तीसरे वर्ष की छात्रा पूजा मेलेकर के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले वापस लेने का आग्रह किया, जिसने गोवा विश्वविद्यालय में पिछले साल विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान की अंतिम परीक्षा में टॉप किया था।
कामत ने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि शेल-मेलौलिम की बहादुर लडक़ी पूजा मेलेकर ने गोवा विश्वविद्यालय में टीवाईबीएससी परीक्षा में विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान में सर्वोच्च अंक हासिल किए थे। मैं मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से शेल-मेलौलिम में आईआईटी परियोजना के विरोध में उनके और अन्य के खिलाफ सभी मामले दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लेने का आग्रह करता हूं।
इस साल जनवरी में गोवा सरकार को शेल-मेलौलिम गांव से ग्रामीणों के निरंतर विरोध के बाद आईआईटी-गोवा को हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा था, जिन्होंने राज्य सरकार पर परियोजना के नाम पर एक जमीन घोटाला करने का आरोप लगाया था। इस पर भी आपत्ति जताई थी कि परिसर के लिए 10 लाख वर्ग मीटर का अधिग्रहण करने के लिए जल्दबाजी में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया की गई थी।
जनवरी में विरोध प्रदर्शन चरम पर था, जिसमें हिंसा की कुछ घटनाएं हुईं, जिसके लिए पूजा मेलेकर सहित कई दर्जन प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज किया गया था। गोवा सरकार ने पुलिस के साथ गतिरोध के बाद निवासियों के खिलाफ दर्ज हत्या के प्रयास सहित आपराधिक मामलों को वापस लेने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस के एक पूर्व मुख्यमंत्री कामत ने दावा किया कि मेलेकर और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामले वापस लेने से गांव के स्थानीय निवासियों को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर होने की प्रेरणा मिलेगी।
कामत ने कहा कि सरकार की कार्रवाई युवा लडक़ी को उसकी सफलता के लिए सबसे अच्छा उपहार होगा और दूसरों को भी शिक्षा में कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करेगी और साथ ही साथ पर्यावरण, जंगल और गोवा की पहचान की रक्षा के लिए योद्धा भी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि मेलेकर केवल अपने गांव में खेती योग्य भूमि की रक्षा कर रही थी, जिसे आईआईटी परिसर स्थापित करने के लिए अधिग्रहित किया जा रहा था।