जिले में भारी बारिश, कई नदियों में उफान
हुबलीPublished: Jun 18, 2021 11:35:48 pm
जिले में भारी बारिश, कई नदियों में उफान
जिले में भारी बारिश, कई नदियों में उफान
जिले में भारी बारिश, कई नदियों में उफान
-बांधों में बढ़ी पानी की आवक, गगनबावडा में 182 मिमी बारिश
कोल्हापुर
शहर के साथ जिले में दो दिन से हो रही भारी बारिश से चहुंओर पानी ही पानी हो गया है। जिले के 43 बांधों का पानी छोड़े जाने से यातायात पर असर हुआ। गगनबावडा तहसील में 182.7 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गई।
कई जगहों पर नदियोंके जलस्तर में बढोतरी हुई है। गुरुवार सुबह आठ बजे खत्म हुए 24 घंटे में जिले में कुल 1310.6 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गई। इसमें गगनबावडा तहसीलमें 182.7 मिमी बारिश दर्ज हुई तो हातकणंगले- 89.5 मिमी, शिरोल- 73.2, मिमी, पन्हाला- 115.1 मिमी, शाहूवाडी- 127.3 मिमी, राधानगरी- 119.2 मिमी, गगनबावडा-182.7 मिमी, करवीर- 97 मिमी, कागल- 110.1 मिमी, गडहिंग्लज- 100.7, भुदरगड- 97, आजरा- 85.7 मिमी, चंदगड- 113.1 मिमी बारिश दर्ज हुई है।
जिले के राधानगरी बांध में 65.79 दशलक्ष घनमीटर पानी है जबकि सिंचन विमोचक से 841 क्यूसेक पानी का विसर्ग हो रहा है। इस बीच जिले में कुल 43 बांध पानी के नीचे गए है जिसमें पंचगंगा नदीपर- शिंगणापुर, राजाराम, सुर्वे, रुई, इचलकरंजी, शिरोल और तेरवाड, भोगावती नदीपर राशिवडे और हल्दी, तुलसी नदीपर घुंगुरवाडी, बाचणी, आरे और बीड, दूधगंगा नदीपर सुलकूड, बाचणी, कासारी नदीपर यवलूज, कुंभी नदी पर सांगशी, मांडूकली, शेणवडे और कले, वारणा नदीपर चिंचोली, माणगाव, घटप्रभा नदीपर कानडेसावर्डे, पिलणी, बिजूरभोगोली, अडकूर, कानडेवाडी और तारेवाडी, हिरण्यकेशी नदीपर सालगाव, ऐनापुर, निलजी, गिजवणे, खणदाल, जरली और दाबील और वेदगंगा नदीपर होनेवाले निलपण, वाघापुर, गारगोटी, म्हसवे, कुरणी, बस्तवडे, सुरूपली और चिखली ऐसे कुल 43 बांध पानी के नीचे गए है। कोयना बांध में 31.67 और अलमट्टी बांध में 25.070 टीएमसी इतना पानी है।
कोल्हापुर-गारगोटी यातायात बंद
चंद्रे और माजगाव के बीच का रास्ता बारिश से बह गया जिससे कोल्हापुर-गारगोटी मार्ग पर की यातायात पूरी तरह बंद हो गया। इसका असर दूध के टैंकर और सब्जी की आवाजाी पर हुआ।
पंचगंगा नदी से पानी बाहर
जिले के बांध क्षेत्र में तेज बारिश के कारण बांध के पानी में बढोतरी हो रही है जिससे नदियों के पानी में तेजी से बढोतरी हुई। नदियों के आसपास होने वाली खेती पानी में चली गई। पंचगंगा नदी का पानी इस बारिश के मौसम में पहली बार पात्र से बाहर आ गया।