scriptimpossible to put a price on the talent of the artist | कलाकार की प्रतिभा की कीमत लगाना असंभव | Patrika News

कलाकार की प्रतिभा की कीमत लगाना असंभव

locationहुबलीPublished: Aug 08, 2023 06:38:13 pm

Submitted by:

S F Munshi

कलाकार की प्रतिभा की कीमत लगाना असंभव

कलाकार की प्रतिभा की कीमत लगाना असंभव
कलाकार की प्रतिभा की कीमत लगाना असंभव
कलाकार की प्रतिभा की कीमत लगाना असंभव
-विधायक विजयानंद काशप्पनवर ने कहा
इलकल (बागलकोट).
विधायक विजयानंद काशप्पनवर ने कहा कि कलाकार में बहुत अदभूत कला छिपी होती है। जब कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करता है तब दर्शकों को अनुभव होता है। इसलिए कलाकार की प्रतिभा की कीमत लगाना असंभव है। यह विचार उन्होंने इलकल के स्थानीय गायक कलाकारों की संस्था स्वर सिंधु के दसवें वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में अनुभव मंटप में आयोजित दशमानोत्सव कार्यक्रम का उदघाटन कर व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि इलकल शहर एवं आसपास के गांवों में बहुत से कलाकार बसे हुए है। इलकल तालुक तो कलाकारों का मायका माना जाता है। जब कलाकार को अपनी कला प्रदर्शन के लिए मंच उपलब्ध होता है तब वह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करता है, और दर्शकों से तालीयां बटोरता है।
कांग्रेस पार्टी के जिला उपाध्यक्ष वेंकटेश साका ने कहा कि संगीत और गायन का रसस्वादन करने के लिए मन तथा रूची होनी चाहिए। स्थानिक गायकों ने मिलकर दस वर्ष पूर्व में स्वर सिंधु संस्था की स्थापना कर संगीत प्रेमियों के मन को संतृप्त किया है। दस वर्षों में इन गायक कलाकारों की साधना सराहनीय रही है।
विजय महांतेश संस्थानमठ प्रमुख गुरूमहांत स्वामी, शिरूर के डॉ. बसवलिंग स्वामी ने अपने आशीर्वाद वचन में कहा कि स्वर सिंधु संस्था के गायक कलाकार पिछले दस वर्षों से संगीत तथा गायन के जरिए कला प्रेमियों का मनोरंजन करते आए हैं। सभी कलाकारों में प्रतिभा है और वह गीत, संगीत के प्रति समर्पित है। कलाकार दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की करते रहे यही हमारी शुभकामनाएं है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष परशुराम राजोल्ली ने की। एसएसके समाज के अध्यक्ष रविशंकर बसवा, गोपीकृष्ण कठारे, परशुराम पवार, नरसिंह काटवा, रेखा कठारे आदि मौजूद थे।
इस अवसर पर अभियंता रविन्द्र देवगिरीकर, साहित्यकार के.ए. बन्नट्टी, कुमार सपंडी तथा प्रकाश मठ को सम्मानित किया गया।
गायक कलाकारों ने गीतों की प्रस्तुति देकर खूब तालियां और वाहवाही बटोरी। विधायक विजयानंद काशप्पनवर ने भी हुट्टीदरे कन्नड़ नाडी नल्ली हुट्ट बेकु अर्थात जन्म लेना है तो कन्नड़ भूमि पर जन्म लेना चाहिए गीत गाकर खूब तालियां बटोरी। गायक गोविन्द करवा ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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