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बुवाई के बीजों की बढ़ी मांग

locationहुबलीPublished: Jun 08, 2020 09:06:46 pm

Submitted by:

Zakir Pattankudi

बुवाई के बीजों की बढ़ी मांग-देशी बीजों को दे रहे प्राथमिकताहुब्बल्ली

बुवाई के बीजों की बढ़ी मांग

बुवाई के बीजों की बढ़ी मांग

प्याज बीज की मांग बढ़ी

फिलहाल बुवाई बीज में सर्वाधिक दाम में बिक रहे बीजों में प्याज के बीज हैं। पिछले वर्ष विपरित बारिश से प्याज की फसल संकट में फंसने से पैदावार अच्छी नहीं हुई। इसके चलते बीज संग्रह भी अधिक नहीं हुआ। वापस प्याज बुवाई किसानों को मुसीबत में लाई है। क्विंटल बीज संग्रह करने वाले किसान केवल 30 प्रतिशत प्याज बीज संग्रह किया है। इसके चलते अब प्याज बीज के दाम में बहुत बढ़ोतरी हुई है। एक किलो प्याज बीज के 2200 रुपए दाम हैं। कंपनियों के प्याज फसल के दाम 1400 रुपए हैं। घटिया बीज के डर से इनकी बुवाई के लिए किसान पीछे हट रहे हैं।

50 हेक्टेयर में हरी मूंग

जिले में हरे मूंग की 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है, और अधिक बुवाई की उम्मीद है। मूंग के पांच किलो के एक पैकेट के दाम 363 रुपए हैं तो ग्रामीणों की ओर से ही संग्रह कर बेचे जा रहे मूंग के दस किलो के एक पैकेज के लिए 1200 रुपए दाम हुए हैं। मक्का के सरकारी दाम पांच किलो पैकेट के 650 रुपए हैं तो निजी कंपनियों में 1200 रुपए तक हैं। ग्रामीणों की ओर से दिए जाने वाले बीज के दस किलो के एक पैकेट के दाम 1500 रुपए हैं।

धान, सोया की जुगलबंदी

जिले के धारवाड़, कलघटगी, अलनावर में देशी धान बुवाई का कार्य पूरा हो चुका है, धान के पौधे अच्छी तरह उगे हैं। निसर्ग तूफान से अब जमीन में अधिक नमी होने से अधिक लोग सोया की बुवाई पर जोर दे रहे हैं। जिले में इस वर्ष 25 हजार हेक्टेयर सोया बुवाई की उम्मीद है। पिछले वर्ष बारिश में देरी से अधिक किसाननसोया फसल के पीछे पड़े थे परन्तु पिछले वर्ष अच्छी बारिश होने से धान की फसल अच्छी आई। इसी विश्वास पर अब किसान लौटकर देेशी धान के पीछे पड़े हैं। सूखा होने पर पूरी तरह सोया की बुवाई के शरण में जाने वाले किसान अब फिर से धान की बुवाई को लौटे हैं। इसके चलते यहां धान व सोया की जुगलबंदी चली है। पारंपरिक किसान परिवार अभी भी बीज संग्रह खुद कर रहे हैं। यह उनकी कृषि उपज बढ़ाने के लिए भी मददगार हो रहा है। जिले में लगभग 55 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में देशी तथा जैविक बीजों की बुवाई की उम्मीद है।

बीज संग्रह करने वाले किसानों की निकली लॉटरी

धारवाड़ जिले में फिलहाल कृषि विभाग के हिसाब से कुल 2,41,589 हेक्टेयर जमीन में बुवाई हो रही है। धान, मूंग, कपास, मक्का, सोया समेत कुल 1300 क्विंटल विभिन्न बीजों को किसान संपर्क केंद्र के जरिए किसानों को वितरित किया गया है। इसी बीच किसानों में से ही कुछ लोगों ने मशक्कत कर बुवाई बीजों को संग्रह किया है। इनके लिए लॉटरी निकली है, अधिक राशि अर्जित कर रहे हैं। मेहनत व मशक्कत से बीज संग्रह करने के चलते उन्हें अच्छा प्रतिफल मिल रहा है। बीज संग्रह में उदासीनता बरतने वालों ने अपने पैर पर खुद कुल्हाड़ी मार ली है।

बीजों के दाम बढ़ गए हैं

पिछले वर्ष मानसून में देरी से मूंग तथा मूंगफली की फसल अच्छी नहीं उगी। बाद में अतिवृष्टि से प्याज बीज संग्रह नहीं हुआ। इसके चलते इन तीनों बुवाई बीजों की भारी कमी हुई है। किसानों को इन बीजों को खरीदकर ही बुवाई करनी है, दाम बढ़ गए हैं।
हनुमंतगौड़ा पाटील, किसान, गब्बूर

जून अंत तक बुवाई कार्य चलेगा

मानसून पूर्व बारिश अच्छी होने से जिले में मूंग बुवाई पर किसानों ने जोर दिया है। बकाया सभी बुवाई बीजों को सब्सिडी दर में किसानों को आपूर्ति कर रहे हैं। जून अंत तक बुवाई कार्य चलेगा।
-राजशेखर, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग, धारवाड़

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