उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण पर काबू पाने में ग्राम पंचायत की भूमिका महत्वपूर्ण है। कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक है, हर किसी को फूंक फूंक कर कदम रखना चाहिए। ईश्वरप्पा ने कहा कि गांव में आज भी संयुक्त परिवार हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमित को अलग से कमरा उपलब्ध करवाना संभव नहीं है। अत: परिवार वालों की जिम्मेदारी है कि वे संक्रमित व्यक्ति को कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराना चाहिए।
संक्रमण पर काबू पाने की दिशा में अग्रसर पंचायत कर्मचारी तथा अन्य कर्मचारियों को कोरोना वरीयर्स का दर्जा देकर उन्हें सभी प्रकार का सहयोग दिया जाएगा। ग्राम पंचायत अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे गांवों में सफाई के प्रति ध्यान दें तथा यह सुनिश्चित करें कि कोविड केयर सेंटर में सुविधा प्राप्त हो रही है या नहीं। वीडियो संवाद कार्यक्रम में पंचायत राज विभाग के आयुक्त अहमद, सचिव उमा महादेवन सहित बेंगलूरु तथा मैसूरु विभाग के कार्यकारी अधिकारी, पंचायत विकास अधिकारी उपस्थित थे।