गर्मी का मौसम शुरू होते ही तापमान में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी हो रही है। पानी के लिए व्याकुलता अभी से बढ़ रही है। आगामी दो माह के भीतर नदी, नहर में जलस्तर कम होने से पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। पानी की समस्या के समाधान के लिए पाइप लाइन के जरिए इस नदी से जलापूर्ति की बड़ी योजना बनाई जा रही है। लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि पाइप लाइन बिछाकर कारवार तथा अन्य क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की योजना जो बनाई जा रही है क्या इसकी आवश्यकता है?
स्थानीय लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार के जल संसाधन मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार 351 नदियों में से 323 नदियां प्रदूषित हो चुकी हैं। प्रदूषित हो चुकी नदियों में काली नदी भी शामिल है। दांडेली पेपर मिल (कागज कारखाने) के अपशिष्ट, कैगा अणुशक्ति संयंत्र के काम में लाए गए पानी, नाले के पानी तथा घर के अपशिष्ट को काली नदी में बहाए जाने की वजह से पानी दूषित हो चुका है।
जलजीवन मिशन योजना के तहत होगी सफाई
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय की ओर से जारी प्रदूषित नदियों में काली नदी भी शामिल है। काली नदी के पानी का उपयोग करने के लिए जलजीवन मिशन योजना के तहत पानी को साफ कर जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
रूपाली नायक, विधायक, कारवार-अंकोला