कित्तूर रानी चन्नम्मा का साहस बने प्रेरणा[typography_font:14pt;” >धारवाड़-हुब्बल्लीपर्यटन तथा कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग मंत्री सीटी रवि ने कहा है कि कित्तूर रानी चन्नम्मा का साहस भविष्य की पीढी के लिए प्रेरणा बनना चाहिए। वे, धारवाड़ में बुधवार को आलूरु वेंकटराव सभा भवन में जिला प्रशासन, जिला पंचायत तथा कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कित्तूर रानी चन्नम्म जयंती उत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन कर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत की नागरिकता को हजारों वर्षों से बचाकर रखा गया है। सबको साथ मिलकर विभिन्न जयंती, उत्सव आदि मनाना चाहिए। जयंती, उत्सव को किसी एक जाति तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इस विषय पर गंभीर चिंतन करने की आवश्यकता है। महापुरुषों तथा वीर जवानों की उपलब्धियों को समाज की प्रेरणा शक्ति के तौर पर परिवर्तित करने पर विचार करने की आवश्यकता है। हुब्बल्ली के वैष्णवी मंदिर के देवप्पज्जा स्वामी के सान्निद्य में आयोजित कार्यक्रम में बेलगावी रानी चन्नम्मा विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ. मैत्रेइणी गदिगेप्पागौडर ने रानी चन्नम्मा पर विशेष व्याख्यान दिया। विधायक अरविंद बेल्लद ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। जिला पंचायत की अध्यक्ष विजयलक्ष्मी केंपेगौड़ा पाटील, पूर्व विधायक चन्द्रकांत बेल्लद, समाज के वरिष्ठ एस.एल. बीळगी, निंगण्णा करिकट्टी, ईरण्णा एणगी आदि उपस्थित थे। कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग की सहायक निदेशक मंजुळा यलिगार ने अतिथियों का स्वागत किया। रवि कुलकर्णी ने कार्यक्रम का संचालन किया।