क्षत्रिय समाज को एकजुट होने की जरूरत[typography_font:18pt;” >इलकल (बागलकोट)विधान परिषद के पूर्व सदस्य नारायणसा भांडगे ने कहा कि संपूर्ण क्षत्रिय समाज को संगठित होने की जरूरत है। संगठन में ही शक्ति होती है, इससे सरकार को हमारी शक्ति का एहसास होगा और तभी हम अपने अधिकारों की रक्षा कर पाएंगे।भांडगे शहर के अम्बाभवानी कल्याण मण्डप में कर्नाटक क्षत्रिय संगठन की ओर से आयोजित क्षत्रियों में जागरूकता एवं कलण्डर विमोचन समारोह के उद्घाटन के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि क्षत्रिय समाज हमेशा से ही स्वाभिमानी रहा है, लेकिन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में वह अपने हक व अधिकारों से वंचित है। उन्होंने समाज के लोगों से अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए एकजुट व संगठित होने का आह्वान किया।युवा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा दलभन्जन ने कहा कि प्रदेश में क्षत्रिय समाज की आबादी 1.25 करोड़ से अधिक होने के बावजूद अब तक हम संगठित नहीं हैं, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने समाज के ईमानदार व प्रभावशाली प्रतिनिधियों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि क्षत्रिय समाज को सिर्फ वोट बैंक के लिए संगठित नहीं होना है, बल्कि सत्ता में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करवाने के लिए एकजुट होना होगा।प्रदेश संचालक तारासिंह ने कहा कि इतिहास गवाह है जब भी देश व देश के नागरिकों पर कोई संकट आया क्षत्रिय समाज ने हमेशा आगे बढक़र देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया है। इस मौके पर नागराज नगरी व प्रशांत हन्चाटे ने कार्यक्रम के उद्देश्य को समझाया। इस अवसर पर एसएसके समाज अध्यक्ष श्रीकांत राज्जोली, भावसार समाज अध्यक्ष कृष्णा महेन्द्रकर, बंजारा समाज के दीपक राठौड़, मराठा समाज अध्यक्ष बसवराज आरैर, रामचन्द्रप्पा चिल्लाल, श्रीनिवास कोप्पल, नामदेव पाणीबाते एवं चौडेश शीला आदि मौजूद थे।