scriptजीवन की अनमोल विरासत है संस्कार | Life's priceless heritage is sacrament | Patrika News

जीवन की अनमोल विरासत है संस्कार

locationहुबलीPublished: Nov 11, 2019 08:08:43 pm

Submitted by:

Zakir Pattankudi

जीवन की अनमोल विरासत है संस्कार-ज्ञानशाला का वार्षिकोत्सव मनायाहुब्बल्ली

,

जीवन की अनमोल विरासत है संस्कार,जीवन की अनमोल विरासत है संस्कार

ज्ञानशाला आचार्य तुलसी की देन

मुनि कुमुद कुमार ने कहा कि जितना महत्व जीवन में श्वास का होता है, उतना ही महत्व संस्कार का होता है। जो संस्कार प्रारम्भ में मिलते हैं, वो ताउम्र काम आते हैं। बच्चे का मन सहज, सरल एवं निश्चल होता है। ज्ञानशाला आचार्य तुलसी की वह देन है जिसने समाज की नींव को मजबूती प्रदान की। संस्कारित बच्चे से शुभ भविष्य का निर्माण होता है। ज्ञानशाला से निकला ज्ञानार्थी किशोर मण्डल व कन्या मंडल से जुड़ा रहता है तो धार्मिक एवं सामाजिक सम्पर्क बना रहता है।

प्रशिक्षकों का सम्मान किया

इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञानार्थी के अर्हम् गीत से हुआ। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने पानी बिजली के अपव्यय से होने वाले नुकसान एवं समस्या के संबंध में सुंदर प्रस्तुति दी और पानी बिजली बचाओ की सीख दी। हमारे जीवन में पेड़ों की उपयोगिता को दर्शाते हुए पेड़ों को बचाने की शिक्षा परिसंवाद से दी गई। इस दौरान मां पर कविता की प्रस्तुति के साथ ही टेलीविजन, मोबाइल, इंटरनेट, माल, होटल, फैशन पर शानदार प्रस्तुति ज्ञानार्थियों ने दी। नैतिक बैदमुथा ने ज्ञानशाला पर व्यक्तव्य दिया। ज्ञानशाला प्रशिक्षकों ने ज्ञानशाला के महत्व पर गीत प्रस्तुत किया। प्रशिक्षक अचला पालगोता ने ज्ञानशाला का इतिहास प्रस्तुत किया। सभा के मंत्री केसरीचंद गोलछा ने भी विचार व्यक्त किए। मीनाक्षी बैदमुथा ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन भाग्यवंती बागरेचा ने किया। तेरापंथ सभा की ओर से प्रशिक्षकों का सम्मान किया गया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो