कोविड संकट के हालात में संक्रमितों का इलाज करना चुनौती भरा कार्य है। पहली लहर के दौरान चिकित्सक, चिकित्सा कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना संक्रमितों का इलाज कर जान बचाने का कार्य किया।
इनकी सेवा की सराहना करते हुए सरकार ने प्रोत्साहन देने की दिशा में चिकित्सा वारियर्स को अगस्त 2020 में रिस्क भत्ता देने की घोषणा की। कुछ जगहों पर इस विशेष भत्ते को चिकित्सा कर्मी प्राप्त कर रहे हैं परन्तु हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम के अस्पतालों में सेवारत चिकित्सकों से लेकर चिकित्सा कर्मियों को भत्ता नहीं मिला है।
महानगर निगम के चिकित्सक तथा चिकित्सा कर्मियों का कहना है कि कोविड की पहली लहर के दौरान महानगर निगम अस्पतालों के चिकित्सकों तथा चिकित्सा कर्मियों की सेवा भुला नहीं सकते। होटलों में क्वारंटीन मरीजों का इलाज, ट्रेन के जरिए शहर आने वालों तथा यहां से दूसरे राज्यों को जाने वाले प्रवासी मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच, मोबाइल फीवर क्लिनिक तथा परीक्षा केंद्रों में सेवा समेत लगभग तीन-चार माह लगातार सेवा दी।
दूसरी लहर के दौरान भी होम आइसोलेशन में रहने वालों का इलाज, इसके साथ नॉन कोविड मरीजों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध की है। इसके साथ कोविड जांच, कोविड वैक्सीन वितरण कार्यक्रम में जुटे हैं। इतनी सारी सेवा देने पर भी महानगर निगम कार्य क्षेत्र के चिकित्सकों तथा चिकित्सा कर्मियों को सरकार भूल गई है।