अत्यंत संवेदनशील होते हैं
हर साल समूह में आने वाले इन पंछियों का विश्राम स्थल यह तालाब ही है। मानसून के मौसम में ये पंछी सुबह से शाम तक मानसून की फसल जैसे चने, ज्वार, मक्के का सेवन करते हैं जबकि बाकी समय में तालाब में पाए जाने वाले जलचरों का शिकार करते हैं। ये पंछी अत्यंत संवेदनशील होते हैं जो इन्सान की आहट सुनते ही सुरक्षित स्थल पर पहुंच जाते हैं। तालाब के किनारे पंछियों का समूह देखने वालों को अपनी ओर आकर्षित करता है।सर्दी के मौसम में होता है आगमन
कुष्टगी के पक्षी फोटोग्राफर पर्यावरण प्रेमी पांडुरंग ने अपने कैमरे में इन पंछियों की हरकत को कैद कर रखा है। उनका कहना है कि धारीदार सिरवाले कालेहंस के समूह को देखने का आनंद सबसे अनूठा है। बीते सात आठ वर्षों से सर्दी के मौसम में इन पंछियों का आगमन अवश्य होता है।शून्य से भी कम तापमान में रहने की क्षमता
हर साल अक्टूबर माह में तालाब के किनारे पहुंचने वाले इन पंछियों का आगमन इस बार दिसम्बर में हुआ है। मूलत: कजाकिस्तान व मंगोलिया के ये पंछी दिन रात बिना थके उडऩे की क्षमता रखते हैं। बर्फीले क्षेत्र में ये पंछी शून्य से भी कम तापमान में रहने की क्षमता रखते हैं।