विम्स में अगले महीने से शुरू होगी एमआरआई स्कैनिंग की सुविधा[typography_font:18pt;” >बल्लारीनिजी तौर पर हजारों रुपये खर्च करने के उपरांत मिलने वाली एम.आर.आई. स्कैनिंग की सुविधा फरवरी के पहले सप्ताह से विम्स अस्पताल में गरीब मरीजों को नि:शुल्क प्राप्त होगी। अन्य मरीजों के लिए भी यह सुविधा कम मूल्य में प्राप्त होगी। विम्स अस्पताल के रेडियोलोजी विभाग में विभिन्न प्रकार की स्कैनिंग सुविधा उपलब्ध है परंतु बीमारी के परीक्षण के लिए आवश्यक एमआरआई स्कैनिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। एमआरआई स्कैनिंग के लिए निजी अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ते थे। स्कैनिंग के लिए जहां कम से कम ६ से १० हजार रुपये देने पड़ते थे। समय पर इसकी सुविधा से भी मरीज वंचित रह जाते। मरीजों की सुविधा के लिए सरकार की ओर से साढ़े आठ करोड़ रुपये की लागत वाली एमआरआई स्कैनिंग मशीन विम्स अस्पताल को दी गई है। एक निजी कंपनी की ओर से स्कैनिंग मशीन लगाये जाने के बावजूद भी सुविधाओं के अभाव के चलते मशीन का उपयुक्त उपयोग न हो पा रहा था। मशीन से जुड़े कई तारों को चूहों ने कतर दिया था। इसकी मरम्मत करवाकर बीते एक महीने से प्रायोगिक परीक्षण किया जा रहा है। इसी प्रकार तीन महीनों तक परीक्षण कर स्कैनिंग का सटीक परिणाम प्राप्त किया जा सकता है। वर्तमान में प्रतिदिन भीतरी रोगियों की एमआरआई स्कैनिंग की जा रही है। करोड़ों रुपये की लागत वाली एमआरआई स्कैनिंग मशीन के उद्घाटन के लिए स्वास्थ्य तथा शिक्षा मंत्री को न्योता देने का प्रयास किया जा रहा है परंतु अभी तक दिनांक तय कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री श्रीरामुलु ने उनका इंत•ाार किए बगैर कार्य शुरु करने के निर्देश दिए हैं परंतु चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. अश्वथ नारायण ने अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। यह है कमी विम्स के लिए २४ घंटे बिजली आपूर्ति करवाने वाली एक्सप्रेस फीडर लाइन उपलब्ध होने के बावजूद भी इस मशीन के लिए अलग से जनरेटर की आवश्यकता है। इस मशीन का उपयोग करने वाले चिकित्सक भले ही हों परंतु अन्य सहायक स्टाफ न होने की वजह से इसकी जिम्मेदारी ठेकेदारों को सौंपने का विचार किया जा रहा है। गरीबों के लिए नि:शुल्क गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों को सेवा निशुल्क प्राप्त होगी। इसके प्रबंधन की जिम्मेदारी अस्पताल की ही है। अस्पताल प्रबंधन इसकी भरपाई के लिए अन्य मरीजों तथा बाहर से आने वाले मरीजों को कम लागत में सेवा मुहैया करवाएगा। इसका फैसला प्रबंधन बोर्ड की बैठक में लिया जाएगा। इनका कहना हैअभी परीक्षण चल रहा है। छोटी-बड़ी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। तकनीकी सहायक स्टाफ को नियुक्त किया जाएगा। उद्घाटन के लिए मंत्री आएंगे। उनकी अनुमति लेने के बाद फरवरी महीने के पहले सप्ताह से लोगों को इसकी सुविधा देने का विचार किया जा रहा है। -डॉ. देवानंद, निदेशक (विम्स, बल्लारी)