शक्ति प्रदर्शन का केंद्र बना मूरुसाविरमठ[typography_font:14pt;” >हुब्बल्लीउत्तर कर्नाटक का प्रतिष्ठित मूरुसाविरमठ उत्तराधिकारी विवाद के चलते रविवार को शक्ति प्रदर्शन का केंद्र बन गया। मठ परिसर में पुख्ता पुलिस बंदोबस्त किया गया है। मठ से बाहर आए गुरुसिध्दराजयोगींद्र स्वामी ने श्रध्दालुओं को मठ को लगाए बेरिकेड के भीतर नहीं आने का इशारा किया। दिंगालेश्वर स्वामी के नेतृत्व में रविवार को आयोजित सत्यदर्शन सभा के लिए आए दिंगालेश्वर स्वामी के समर्थकों ने मठ चाहिए के नारे लगाए और पोस्टर लहराते हुए समर्थन व्यक्त किया। गदग, हावेरी व धारवाड़ जिलों से आए समर्थकों ने नेहरू मैदान के सामने जमा हुए और दिंगालेश्वर स्वामी के समर्थन में नारे लगाए। मूरूसाविरमठ के लिए दिंगालेश्वर स्वामी ही उत्तराधिकारी लिखे पोस्टरों को प्रदर्शित किया। नेहरू मैदान से शुरू हुई रैली में हजारों समर्थकों ने भाग लिया था।बालेहोसूर के दिंगालेश्वर स्वामी के नेतृत्व में रैली निकाली। सर सिध्दप्पा कंबली की मूर्ति, बसववन के बसवेश्वर मूर्ति, संगोल्ली रायण्णा, कित्तूर चन्नम्मा तथा डॉ. बीआर अम्बेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद रैली मूरुसाविरमठ पहुंची। उत्तराधिकारी को लेकर महत्वपूर्ण सभा होने के कारण सत्यदर्शन के लिए विभिन्न जगहों से लोग दुपहिया वाहन, कार, टेम्पो तथा निजी वाहनों के जरिए आए। सभी नेहरू मैदान के सामने एकत्रित होकर दिंगालेश्वर स्वामी के समर्थन में नारे लगते हुए मूरुसाविरमठ पहुंचे।दिंगालेश्वर स्वामी के नेतृत्व में मूरुसाविरमठ पहुंचे लोगों को मठ परिसर में सभा आयोजित करने की अनुमति नहीं दी। इसके चलते हजारों श्रध्दालु मठ मुख्य द्वार के सामने जमा हुए। भाजपा नेता शिवानंद मुत्तण्णवर ने कहा कि मूरुसाविरमठ परिसर में सभा को मौका नहीं देना निंदनीय है। एकाध लोग ही सभा का विरोध कर रहे हैं। प्रकाश बेडिगेरी ने कहा कि हम मठ परिसर में सभा करके समाधि पर शपथ लेने का कार्यक्रम था। हमारे बीच विवाद होने पर वरिष्ठ समाधान करते हैं परन्तु कुछ लोग मूरुसाविरमठ को तोडऩे के लिए ही खड़े हैं। जीएस गड्डदेवरमठ ने कहा कि मूरुसाविरमठ का अपना ही इतिहास है। चन्नम्मा के गुरु गुरुसिध्देश्वर थे। ऐसा मठ अब बर्बाद होता देख आंसू आ रहे हैं। दिंगालेश्वर को उत्तराधिकारी बनाकर अब मुंह फेर रहे हैं। मठ प्रशासन मंडल, वरिष्ठ तथा मठाधीश को शीघ्र समस्या का समाधान करना चाहिए। अज्जप्पा अरकेरी ने कहा कि मूरुसाविरमठ में नामस्मरण ही नहीं रहा है। इसे स्फूर्ति देने की जरूरत है। यह सिर्फ संघर्ष नहीं है बल्कि परम्परा को बचाने व पुराने वैभव को बचाने का प्रयास है। मठ के लिए सक्षम मठाधीश की जरूरत है। मौजूदा मठाधीश गुरुसिध्दराजयोगींद्र स्वामी ने ही दिंगालेश्वर स्वामी को उत्तराधिकारी बनाकर 51 जनों ने हस्ताक्षर किया है। इसकी सत्य दर्शन सभा आज की थी। शेखण्णा बेंडिगेरी, शिवानंद अंबडगट्टी, शिवानंद करिगार, विधायक नेहरु ओलेकार, बसवराज दिंडूर, मुल्लेल्ली स्वामी आदि ने दिंगालेश्वर स्वामी को मूरुसाविरमठ का मठाधीश बनाने की पैरवी की।