अव्यवस्था से भरी सड़क
वास्तव में पहले भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी करने के बाद कार्य शुरू करना चाहिए था परन्तु जितनी जगह उपलब्ध है उतने में ही सीमेंट कंक्रीट डाला गया है। अभी तक नालियां, फुटपाथ, मीडियन निर्माण भी नहीं हुआ है। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के लिए जरूरी राशि के लिए सामने देखा जा रहा है। इसके चलते यह सड़क अव्यवस्था से भरी है। परिवहन के लिए खतरा बनी है।भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू करने के बने हालात
राष्ट्रीय राजमार्ग हुब्बल्ली विभाग के कार्यकारी अभियंता ने 31 जुलाई 2017 में धारवाड़ सर्कल के अधीक्षक अभियंता कार्यालय को भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया का प्रस्ताव सौंपा था। इस प्रस्ताव को राष्ट्रीय राजमार्ग मुख्य अभियंता ने 8 नवम्बर 2017 को राज्य सरकार को सौंपा। यह पूराना राष्ट्रीय राजमार्ग-4 है। 2.7 किलोमीटर दो लेन सीमेंट सड़क निर्माण हुई है। सड़क के दोनों किनारे पर नाली तथा फुटपाथ के लिए तीन-तीन मीटर चौड़ी जगह चाहिए। नाली तथा फुटपाथ निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू करने के हालात बने हैं।19 मीटर चौड़ी जगह की जरूरत
चन्नम्मा सर्कल से बंकापुर चौक तक सड़क सुधार योजना की खातिर राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए 19 मीटर चौड़ी जगह की जरूरत थी। फिलहाल वहां 13 मीटर जमीन उपलब्ध है। इसी में ही कार्य पूरा कर पल्ला झाड़ा है। सड़क के दोनों किनारे पर नाली तथा फुटपाथ निर्माण के लिए जरूरी जमीन पर निजी भवन हैं तो कुछ जगहों पर धार्मिक भवन हैं। कहीं पर भी तीन मीटर क्लियर जमीन नहीं है। पूर्व में स्थित डामर की सड़क को खोदे बगैर ही उसी पर सीमेंट कंक्रीट डालकर सड़क का निर्माण किया गया है। इससे सड़क की आसपास की जगहें निचला इलाका बन गई हैं।राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग में विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी (एनएचएसएलएओ) कार्यालय है।
अभी तक फैसला ही नहीं हुआ
यहां की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को एनएचएसएलएओ कार्यालय या फिर दूसरे किसी सक्षम प्राधिकरण को दे सकते हैं। इस बारे में ही अभी तक फैसला नहीं हो पाया है। हालात का लाभ प्राप्त करने के प्रयास पूरी सड़क पर नजर आ रहे हैं। सड़क से लगे कुछ भवनों के मालिक पुरानी दीवारों को गिराकर केवल एक-दो फीट पीछे हटकर मजबूत (कंक्रीट) दीवार का निर्माण कर रहे हैं। वहां तीन मीटर चौड़ी जमीन चाहिए। नए निर्माण को देखने पर साफ नजर आ रहा है कि उतना पीछे नहीं हटे हैं। सड़क निर्माण के दौरान हुई बैठक में स्थानीय निवासियों ने स्वयंप्रेरणा से भवनों को हटाने की बात कही थी परन्तु अब ऐसा नहीं हुआ है। इतनी ही जमीन छोड़कर देने की बात कहने की स्थिति में राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग नहीं है क्योंकि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पर अभी तक फैसला ही नहीं हुआ है।53 करोड़ रुपए की जरूरत
चन्नम्मा सर्कल से बंकापुर चौक तक की सड़क से लगे निजी स्वामित्व के व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं। कुछ लोग कई दशकों से वाणिज्य गतिविधियां चलाते आए हैं। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत व्यापारिक प्रतिष्ठान समेत निजी निर्माण को हटाना पड़ेगा। निजी संपत्ति के मालिकों को मुआवजा देने के लिए 53 करोड़ रुपए मंजूर करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने सरकार को प्रस्ताव सौंपा है।जिला प्रभारी मंत्री को अवगत कराया है
चन्नम्मा सर्कल-बंकापुर चौक सड़क सुधार कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया त्वरित तौर पर होनी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व की गठबंधन सरकार के दौरान भूमि अधिग्रहण के लिए जरूरी 53 करोड़ रुपए मंजूर करवाने के प्रयास किए गए थे। कई कारणों से यह नहीं हो पाया। अब हमारी सरकार नहीं है। हालही में जिला प्रभारी मंत्री जगदीश शेट्टर को इस बारे में अवगत कराया गया है।
–प्रसाद अब्बय्या, विधायक