ओलम्पिक्स में पदक जीतने जितनी हुई खुशी धारवाड़देश और विदेशों में कई पुरस्कार जीते हैं, परंतु अपने ही गृह शहर के समर्थकों के सामने मिले इस सम्मान से ओलम्पिक्स में पदक जीतने जितनी ही खुशी मिली है। कर्नाटक कॉलेज मैदान में आयोजित कर्नाटक कुश्ती हब्बा के जंगी निकाली कुश्ती प्रतियोगिता में राष्ट्रीय चैम्पियन हरियाणा के मदन के साथ हुए मुकाबले में जीत हासिल करने के बाद धारवाड़ तालुक के सिंगनहल्ली निवासी रफीक होळी ने अत्यंत प्रसन्नता के साथ यह विचार व्यक्त किए। मौका ही नहीं मिल पाता थापहलवान रफीक ने कहा कि यहां की कुश्ती प्रतियोगिता में पुरस्कार नहीं जीता होता तो गृह क्षेत्र में फिर से पुरस्कार जीतने का मौका ही नहीं मिल पाता था। अपनी शक्ति तथा क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए इससे बेहतर मंच और कोई नहीं हो सकता था। [typography_font:14pt;” >राष्ट्रमंडल चांपियनशिप में रजत पदकसिंगनहल्ली अखाड़ा तथा धारवाड़ के ज्योति अकाड़ा में कुश्ती के गुर सीखने वाले रफीक होळी ने वर्ष 2016 के राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में रजत पदक प्राप्त किया था। पुणे स्थित आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं। रफीक सिंगनहल्ली निवासी राजासाब होळी तथा फातीमा दम्पत्ति के पुत्र हैं। रफीक ने गृह शहर में किसी भी हालत में कुश्ती जीतने की ठान ली थी। इस दिशा में दिन रात कड़ा अभ्यास किया था। उनके मित्र, वरिष्ठ पहलवानों तथा अंतरराष्ट्रीय कुश्ती खिलाडिय़ों ने कुश्ती हब्बा देखने के लिए चार दिन पहले ही धारवाड़ आए हुए थे। इसके बावजूद रफीक ने अपनी प्रतियोगिता के समय तक अखाड़े के नजदीक भी नहीं गए। इस बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में रफीक ने बताया कि कुश्ती प्रतियोगिताओं को देखते बैठेंगे तो देखते ही रहना पड़ेगा। इससे अभ्यास करने में समय नहीं मिल पाता। इस कारण अन्य कुश्ती खिलाडियों के मैच नहीं देखे। प्रतियोगिता जीतने की ओर मात्र हमारा ध्यान केन्द्रित था। हमें कुश्ती सीखाने वाले तथा मित्रों के समक्ष प्रतियोगिता जीतने से काफी गर्व महसूस हो रहा है। रफीक होळी ने कहा कि ओलम्पिक्स प्रति चार वर्षों में एक बार आयोजित किया जाता है, परंतु कुश्ती हब्बा के आयोजन के लिए और 30 वर्ष लग जाएंगे। तब तक वे कुश्ती से सन्यस ले चुके होंगे। इसके चलते यह कुश्ती हब्बा उनके लिए मिनी ओल्पिक्स बना था। यहां पर पुरस्कार जीतना ओलम्पिक्स में जीतने के समान होगा, इसी पर ध्यान देकर कड़ी मेहनत की थी।