मतदाताओं को रिझाने में जुटे राजनीतिक दल
हुबलीPublished: Jan 15, 2022 11:52:48 pm
मतदाताओं को रिझाने में जुटे राजनीतिक दल
मतदाताओं को रिझाने में जुटे राजनीतिक दल
मतदाताओं को रिझाने में जुटे राजनीतिक दल
-गोवा में तेज हुई चुनावी हलचल
-चौदह फरवरी को होगा मतदान
पणजी
गोवा विधानसभा चुनाव में एक महीने से भी कम का समय रह गया है। यहां 14 फरवरी को वोटिंग होगी। चुनाव से पहले वोटरों को अपने पाले में करने के लिए नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है। हर पार्टी जनता के सामने वादों का पिटारा खोल रही है। इसी कड़ी में गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने अनोखा वादा किया है। पार्टी ने कहा है कि अगर उनकी सरकार बनी तो फिर राज्य में हर किसी को दोपहर में सोने के लिए दो घंटे का ब्रेक दिया जाएगा। पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई ने कहा है, अगर उन्हें जनता गोवा का मुख्यमंत्री बनाती है तो वो सभी के लिए दोपहर में सोने के लिए 2 से 4 बजे के बीच जरूरी ब्रेक देना शुरू कर देंगे। इसे लागू करने के लिए जरूरी कानूनी प्रावधान लाया जाएगा।
विजय सरदेसाई का कहना है कि राज्य में सुसेगाड को बचाने की जरूरत है। बता दें कि पुर्तगाली शब्द सोसेगैडो से सुसेगाड शब्द आया है। इसका मतलब शांति और सुकून है। लिहाजा दोपहर की नींद को सुसेगाड से जोड़ कर देखा जाता है। पिछले दिनों सरदेसाई ने दावा किया था कि मेडिकल साइंस भी कहता है कि छोटी झपकी या दोपहर में आराम करने वाले लोगों की याददाश्त काफी अच्छी होती है। इससे नौकरीपेशा लोग भी बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं।
गोवा फॉरवर्ड पार्टी साल 2015 में बनी। इसका नेतृत्व राज्य के पूर्व उप-मुख्यमंत्री विजय सरदेसाई कर रहे हैं। वो साल 2012 में पहली बार निर्दलीय विधायक बने। साल 2017, यानी अपने दूसरे कार्यकाल में अपना समर्थन देकर पर्रिकर मंत्रिमंडल में न सिर्फ जगह बनाई, बल्कि उप-मुख्यमंत्री का भी पद भी संभाला। पिछले दिनों उन्होंने कहा था, अभी ये सब जो पार्टियां आई हैं, जो गोवा में बैनर और होर्डिंग की राजनीति लेकर आए हैं, यह सब गोवा में पहले नहीं था। घोषणा पत्र में ऐसे वादे करना, जो संभव ही नहीं है, ऐसा गोवा में कभी हुआ ही नहीं है।
गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) ने कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा की है। गोवा फॉरवर्ड पार्टी पहले भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा रही थी और उसने 2017 में एक साथ चुनाव लड़ा था। हालांकि, इसने 2019 में एनडीए को छोड़ दिया था।