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मीलों दूर अस्पताल, चिकित्सक नहीं, बेहाल मरीज

locationहुबलीPublished: Jun 04, 2021 07:09:41 pm

Submitted by:

MAGAN DARMOLA

ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा के अभाव की वजह से यहां की जनता को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। जहां चिकित्सक हैं वहां नर्स नहीं जहां नर्स हैं वहां चिकित्सक नहीं। जहां दोनों होते हैं वहां डी ग्रुप के स्टाफ नहीं होता।

मीलों दूर अस्पताल, चिकित्सक नहीं, बेहाल मरीज

मीलों दूर अस्पताल, चिकित्सक नहीं, बेहाल मरीज

सिरसी-कारवार. कोरोना संक्रमण अब बड़े-बड़े शहरों से राज्य के गांवों में पैर पसार चुका है। ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा के अभाव की वजह से यहां की जनता को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। जहां चिकित्सक हैं वहां नर्स नहीं जहां नर्स हैं वहां चिकित्सक नहीं। जहां दोनों होते हैं वहां डी ग्रुप के स्टाफ नहीं होता। तटीय तथा पहाड़ी क्षेत्र में जहां देखो वहां अस्पताल की सुंदर इमारत है। यहां पर प्राप्त होने वाली स्वास्थ्य से सबंधित सेवाओं से स्थानीय लोग संतुष्ट तो हैं लेकिन स्टाफ के रिक्त पदों से रोगी परेशान नजर आते हैं।

पहाड़, जंगलों के बीच स्थित गांवों में एकाध मकान ही दिखते हैं। यहां पर मोबाइल सिग्नल भी ठीक तरह से नहीं आता। इन गांवों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने में स्वास्थ्य कर्मियों को कई पापड़ बेलने पड़ते हैं। होन्नावर तालुक के गेरुसोप्पा के प्राथमिकता स्वास्थ्य केंद्र में नगरबस्तीकेरी हाडगेरी गांव के निवासी महादेवी नायक का घर स्वास्थ्य केंद्र से 18 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। शुक्रवार को कोरोना अभियान चलाए जाने की वजह से वे अपनी मनोभ्रंश बेटी को लेकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी।

महादेवी नायक ने बताया कि उनके गांव से गेरुसोप्पा के लिए वाहनों की व्यवस्था नहीं है। हर बार स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने के लिए ऑटोरिक्शा वालों को 600 रुपए देने पड़ते हैं। गांव में लगभग तीन सौ मकान हैं। यदि वाहन न मिले तो गांव के लोगों को पैदल की लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है। यह स्थिति होन्नावर, सिद्दापुर, अंकोला , जोयिडा तालुक के कई गांवों की है।

जोयिडा तालुक की कई बस्तियों में इस बार कोरोना संक्रमण फैला है। अधिकारियों का कहना है कि कोरोना जांच करवाने की अपील किए जाने के बावजूद ग्रामीण इलाज करवाने के लिए अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं। यहां पर सड़कें की व्यवस्था ठीक न होने की वजह से संक्रमितों का पता लगाना भी संभव नहीं हो पा रहा है।

सिरसी तालुका केंद्र से 35 किमी की दूरी पर स्थित जड्डीगद्दे में बीते साल 10 बिस्तरों की क्षमता वाली अस्पताल का निर्माण किया गया है। यहां पर चिकित्सक नहीं हैं नर्स ही मरीजों का इलाज कर रही है। इस प्रकार की स्थिति एक गांव की नहीं बल्कि यल्लापुर के वज्रल्ली, मंचीकेरी में भी यही स्थिति है। सिद्दापुर के क्यादगी, मन्मने, कोलसर्सी सहित कई जगहों पर कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पड़ोसी जिले से आए लोगों की वजह से गांव में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। सिरसी के बनवासी, भीशि, मुंडगोड तालुक के गुंजावती, मैनल्ली सहित कई जगहों पर कोरोना के मामले में बढ़ोत्तरी हो रही है। संक्रमितों का पता लगाने के पश्चात प्राथमिक संपर्क में आए लोगों की जांच करना ही सबसे बड़ी चुनौती थी।

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