scriptसंरक्षित वन क्षेत्र में तीन माह में 15 बार लगी आग, बेशकीमती वन संपदा नष्ट | protected forest area has caught fire 15 times in three months | Patrika News

संरक्षित वन क्षेत्र में तीन माह में 15 बार लगी आग, बेशकीमती वन संपदा नष्ट

locationहुबलीPublished: Apr 14, 2021 09:00:06 pm

Submitted by:

MAGAN DARMOLA

आग से 200 हेक्टेयर से अधिक बेशकीमती वन संपदा नष्ट हुई है। आगजनी के पीछे कुछ खनन माफिया का हाथ होने का वन्यजीव प्रेमियों ने आरोप लगाया है। साथ ही कुछ ग्रामीणों के अंधविश्वास के चलते वन को आग लगाने के भी आरोप हैं।

संरक्षित वन क्षेत्र में तीन माह में 15 बार लगी आग, बेशकीमती वन संपदा नष्ट

संरक्षित वन क्षेत्र में तीन माह में 15 बार लगी आग, बेशकीमती वन संपदा नष्ट

हुब्बल्ली . कप्पतगुड्डा को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित करने के कुछ ही वर्षों में यहां आगजनी की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। पिछले तीन माह में 15 मामले दर्ज हुए हैं। इस बारे में वन विभाग ने जानकारी दी है। उत्तर कर्नाटक का सह्याद्री कहे जाने वाले कप्पतगुड्डा में अपार वनस्पति संपदा तथा वन्यजीव हैं। इसके चलते इसे वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया है परन्तु अनमोल वनस्पति संपदा वाला कप्पतगुड्डा अब आगजनी का शिकार हो रहा है। पिछले तीन माह में 15 बार आगजनी की घटनाएं हुई हैं।

इसके अलावा आग से 200 हेक्टेयर से अधिक बेशकीमती वन संपदा नष्ट हुई है। इस क्षेत्र के अभयारण्य का दर्जा प्राप्त करने के बाद ही यहां अधिक आगजनी के मामले दर्ज हो रहे हैं। खास तौर पर डोनी, मुंडरगी तथा शिरहट्टी के पहाड़ी इलाकों में आगजनी के अधिक मामले दर्ज हो रहे हैं। लगातार पेश आ रही आगजनी पर काबू पाने के लिए वन विभाग ने अब निगरानी बढ़ाने का फैसला लिया है, इसके लिए वन कर्मचारियों के साथ स्थानीय ग्रामीणों की मदद लेने की योजना गठित की है।

कप्पतगुड्डा में आगजनी के मामलों से संबंधित वन विभाग ने 15 मामलों को दर्ज किया है, आग लगाने के आरोप का सामना कर रहे समाजकंटकों के खिलाफ 14 तथा निजी पवनचक्की (विंडमिल) कंपनी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है।

कई जगहों पर आगजनी के मामले

इस बार कई जगहों पर आगजनी के मामले हुए हैं। पिछले दिनों लगी आग पर काबू पाने के लिए अधिक समय लगा। ग्रामीण सूखी घांस को मात्र आग लगाते हैं परन्तु हालही में हरे पौधे वाले इलाकों में भी आग नजर आई है।
मंजप्पा दोनी, ग्रामीण

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