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राज्य के रंगायण सांस्कृतिक राजदूत के रूप में हो रहे हैं विकसित

locationहुबलीPublished: Nov 23, 2020 05:57:34 pm

Submitted by:

S F Munshi

राज्य के रंगायण सांस्कृतिक राजदूत के रूप में हो रहे हैं विकसित

राज्य के रंगायण सांस्कृतिक राजदूत के रूप में हो रहे हैं विकसित

राज्य के रंगायण सांस्कृतिक राजदूत के रूप में हो रहे हैं विकसित

राज्य के रंगायण सांस्कृतिक राजदूत के रूप में हो रहे हैं विकसित
-जिला प्रभारी मंत्री जगदीश शेट्टर ने कहा
हुब्बल्ली-धारवाड़
जिला प्रभारी मंत्री जगदीश शेट्टर ने कहा है कि राज्य के रंगायण सांस्कृतिक राजदूत के रूप में विकसित हो रहे हैं। सरकार कला व संस्कृति को बढावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। वे धारवाड़ के रंगायण परिसर में स्थित नवीकृत सुवर्ण सांस्कृतिक समुच्छय सभा भवन का उद्घाटन कर समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक राज्य के धारवाड़, मैसूरु समेत विविध भागों में स्थापित रंगायण कला, रंगभूमि, संस्कृति को जीवित रखने की दिशा में उत्तम कार्य कर रहे हैं। यह हमारे संस्कृति के प्रति गर्व बढाने का कार्य कर रहे हैं। हमारी संस्कृति के वैभव को बढाने कला, हव्यासी रंगमंच, जानपद साहित्य, जानपद रंगभूमि तथा कलाकारों को प्रोत्साहित करना चाहिए। इस दिशा में राज्य सरकार आवश्यक अनुदान, सुविधाओं को देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बारे में कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग की ओर से कार्रवाई की गई है।
शेट्टर ने कहा कि आधुनिकता का प्रभाव, टीवी जैसे इलेक्ट्रानिक माध्यम, सोशियल मीडया के तेजी से बढने के कारण आमजन नाटक, जानपद कला, जानपद साहित्य से दूर हो रहे हैं। इससे रंगायण जैसे सांस्कॉतिक संस्थाओं का दायित्व बढा है। लोगों में कला के प्रति रुची पैदा करने की कार्य योजनाओं को अपनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि धारवाड़ जिला राष्ट्र में साहित्य, संगीत, कला, रंगभूमि अभिनय के लिए अपने ही अकर्षण से पहचाना जाता है। जुड़वां शहर में सांस्कृतिक गतिविधियां लगातार चलने के लिए आवश्यक रंगमंदिर, सभा भवन, सांस्कृतिक भवनों का निर्माण किया गया है। इच्छुक संघ-संस्थाएं, सार्वजनिकों को उनके रखरखाव के लिए सरकार के संग सहयोग करने दिशा में आगे आना चाहिए। धारवाड़ रंगायण के लिए आश्यक कार्यों को संबंधित अतिरिक्त प्रस्ताव सौंपने पर सरकार की ओर से आवश्यक अनुदान जारी करने तथा कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
जिलाधिकारी नितेश पाटील ने कहा कि धारवाड़ कलाभवन का नवीकरण कार्य शीघ्र पूर्ण करने की दिशा में जरूरी कार्रवाई की गई है। सरकार की ओर से अनुदान जारी हुआ है। कलाभवन के सभी विकास कार्यों को पूर्ण कर एक दो माह में सार्वजनिक उपयोग के लिए तैयार किया जाएगा।
रंगायण के निदेशक रमेश परविनायकर ने विचार व्यक्त किए। धारवाड़ रंगायण की कार्य योजनाओं को उत्तर कर्नाटक के सात जिलों को विस्तार कर इस भाग की रंगभूमि कला को प्रोत्साहित किया जाएगा। रंगायण के उद्देश्यों को सफल बनाने धारवाड़ रंगायण टीम क्रियाशील होकर कार्य कर रही हैं।
कर्नाटक बाल विकास अकादमी के अध्यक्ष इरण्णा जडी, हुब्बल्ली-धारवाड़ शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नागेश कलबुर्गी, डॉ.द.रा. बेंद्रे राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट अध्यक्ष डॉ. डी.एम. हिरेमठ, वरिष्ठ रंगमंच के कलाकार शंकर हलगत्ती, साहित्यकार डॉ. बाळण्ण शीगिहल्ली, के.एच. नायक, समीर जोशी, एनडब्लूकेआरटीसी के पूर्व अध्यक्ष मल्लिकार्जुन साहुकार, धारवाड़ रंगसमाज के सदस्य श्रीधर हेगडे, हिप्परगी सिद्धराम, वरिष्ठ रंगमंच के कलाकारों आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम के पश्चात धारवाड़ रंगायण के रेपर्टरी कलाकार यक्षगान प्रस्तुत किया। रंगायण के प्रशासनिक अधिकारी एवं धारवाड़ के उप विभागीय अधिकारी डॉ. गोपालकृष्ण बी. ने अतिथियों का स्वागत किया। अमृता मडिवाळर ने कार्यक्रम का संचालन कर अंत में आभार व्यक्त किया।

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