क्षतिग्रस्त मकानों के मुआवजे के लिए 14.74 लाख रुपए मंजूर
हुबलीPublished: Nov 25, 2021 11:37:43 pm
क्षतिग्रस्त मकानों के मुआवजे के लिए 14.74 लाख रुपए मंजूर
क्षतिग्रस्त मकानों के मुआवजे के लिए 14.74 लाख रुपए मंजूर
क्षतिग्रस्त मकानों के मुआवजे के लिए 14.74 लाख रुपए मंजूर
-जिलाधिकारी ने कहा लाभार्थियों के खाते में जमा होगी मुआवजा राशि
धारवाड़
जिलाधिकारी नितेश पाटील ने कहा है कि मूसलाधार बारिश से क्षतिग्रस्त मकानों के मुआवजे के लिए राज्य सरकार ने धारवाड़ जिले को 14 करोड़ 74 लाख रुपए मंजूर किया है। लाभार्थियों को आरटीजीएस के जरिए मुआवजा जमा किया जाएगा। इस दिशा में सभी तहसीलदरों को आदेश जारी किया गया है।
वे धारवाड़ में जिला पंचायत, राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग, पंचायत राज इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों, तहसीलदारों, तालुक पंचायत मुख्य कार्यकारी अधिकारियों समेत जिला स्तरीय अधिकारियों के संग वर्चुअल बैठक (वेबेक्स मीटिंग) को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की विशेष इच्छाशक्ति से क्षतिग्रस्त मकानों के मुआवजा वितरण के लिए धारवाड़ जिले को 14 करोड़ 74 लाख रुपए अनुदान मंजूर किया है। राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को इस मुआवजे की राशि को वितरित करने के निर्देश दिए हैं। जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर में हुए भारी बारिश से क्षतिग्रस्त तथा नवंबर माह में बेमौसम बारिश से क्षतिग्रस्त मकानों से संबंधित ए और बी श्रैणी के क्षतिग्रस्त मकानों को 95,100 रुपए तथा सी श्रेणी के क्षतिग्रस्त मकानों को 50 हजार रुपए मुआवजा लाभार्थियों के खाते में तुरंत जमा करने के सरकार ने जिलाधिकारी को आदेश दिया है। सरकार के आदेश अनुसार ए और बी श्रैणी के क्षतिग्रस्त मकानों को बाकाया मुआवजे की राशि आरटीजीएस के जरिए सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाएंगी।
मकानों की समीक्षा शुरू
जिलाधिकारी ने कहा कि नवंबर माह में बेमौसम बारिश से क्षतिग्रस्त मकानों की समीक्षा बुधवार से शुरू कर 30 नवंबर तक पूर्ण करनी चाहिए। प्रति दिन शाम को संबंधित क्षेत्रों के तहसीलदार समीक्षा किए गए मकानों की रिपोर्ट आरजीएचसीएल पोर्टल में दर्ज करना चाहिए। इस बारे में उसी दिन रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय को सौंपना अनिवार्य है। जुलाई, अगस्त, सितंबर तथा अक्टूबर माह में मकान क्षतिग्रस्त होने की रिपोर्ट आरजीएचसीएल पोर्टल में दर्ज की गई है। अगर दर्ज करना बकाया है तो तुरंत विवरण दायर कर लाभार्थियों के खातों को मुआवजे की राशि आरटीजीएस करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि नवंबर में बेमौसम बारिश के कारण जिले में काफी मकान आंशिक तथा कुछ संपूर्ण क्षतिग्रस्त हुए हैं। संबंधित अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपा है। गुपुवार से हर गंाव में उस गांव से संबंधित ग्राम लेखाधिकारी, पंचायत विकास अधिकार तथा एक अभियंता को मौका मुआयना कर मकान नुकसान से संबंधित रिपोर्ट देनी चाहिए। उसी दिन तहसीलदार कार्यालय के कर्मचारी आरजीएचसीएल पोर्टल में रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए। तहसीलदारों को गुरुवार से ही लाभार्थियों के खाते में सरकार के आदेश अनुसार मुआवजे की राशि आरटीजीएस से सीधे जमा करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री का आदेश
जिलाधिकारी ने कहा कि 30 नवंबर तक मुआवजा वितरण कार्य पूर्ण करने के मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है। इसके चलते सभी ग्राम लेखाधिकारियों तथा पीडीओ को अपने केन्द्र स्थान में रहकर प्राथमिकता से इस कार्य को पूर्ण करना चाहिए। सकाल में समीक्षा कार्य तथा मुआवजे की राशि जमा करने में देरी करने तथा सुस्त रफ्तार से काम करने वाले अधिकारियों तथा कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। निर्धारित लक्ष्य हासिल करने में तहसीलदार तथा तालुक पंचायत कार्यकारी अधिकारियों को अपने कर्मचारियों पर नजर रखनी चाहिए। अधिकारियों को भी स्वयं अपने क्षेत्र का दौरा कर समीक्षा करना अनिवार्य है।
जिला पंचायत की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुशीला बी. ने कहा कि ग्राम पंचायत पीडीओ केन्द्र स्थान में रहकर संयुक्त समीक्षा कार्य में आगे बढ़ कर कार्य करना चाहिए। ग्राम लेखाधिकारी तथा अभियंताओं को सक्रीय रूप से समीक्षा कार्य में भाग लेने के बारे कार्यकारी अधिकारियों को जानकारी देनी चाहिए। जिलाधिकारी के स्वयं राशि जमा करने से लाभार्थियों को तुरंत मुआवजे की राशि मिल जाएगी। इसे गंभीरता से लेते हुए पीडीओ, ग्राम लेखाधिकारियों ग्राम स्तर पर, तहसीलदार तथा तालुक पंचायत कार्यकारी अधिकारियों को आपसी सामंजस्य के साथ कार्य करते हुए 30 नवंबर तक निर्धारित लक्ष्य हासिल करना चाहिए।
इस बैठक में अपर जिलाधिकारी शिवानंद कराळे, उप विभागीय अधिकारी डॉ. गोपालकृष्ण बी., लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता एस.बी. चौडन्नवर, पीआरईडी के कार्यकारी अभियंता राजकुमार, सभी तालुकों के तहसीलदार, तालुक पंचायत ईओ, विविध विभागों के इंजीनियर, अधिकारी, जिलाधिकारी कार्यालय के आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारी आदि उपस्थित थे।