scriptतपस्या से प्रकाशवान होती है आत्मा | sadhvi bhavitpragya pravachan | Patrika News

तपस्या से प्रकाशवान होती है आत्मा

locationहुबलीPublished: Sep 07, 2021 07:28:25 pm

Submitted by:

MAGAN DARMOLA

समणी भावितप्रज्ञा ने कहा कि जैसे घी को डब्बे से निकलने से पहले तपाया जाता है, किसान अनाज प्राप्ति के लिए अपने शरीर को तपाता है वैसे ही आत्मा में पूर्व अनंत भव में बंधित कर्मों को तोडऩे के लिए तपस्या की जाती है। कर्म रहित आत्मा प्रकाशमय बन जाती है।

तपस्या से प्रकाशवान होती है आत्मा

तपस्या से प्रकाशवान होती है आत्मा

चिकमगलूर. जैन समाज के महापर्व पर्वाधिराज पर्युषण पर्व के पहले दिन चिकमगलूर की श्राविका, महिला मंडल की पूर्व अध्यक्षा कमलाबाई गादिया का मासखमण का पचखान आचार्य महाश्रमण की शिष्या समणी भावितप्रज्ञा आदि 5 समणीवृन्द के सान्निध्य में चिकमगलूर तेरापंथ भवन में सम्पन हुआ। समणी भावितप्रज्ञा ने कहा कि जैसे घी को डब्बे से निकलने से पहले तपाया जाता है, किसान अनाज प्राप्ति के लिए अपने शरीर को तपाता है वैसे ही आत्मा में पूर्व अनंत भव में बंधित कर्मों को तोडऩे के लिए तपस्या की जाती है। कर्म रहित आत्मा प्रकाशमय बन जाती है।

तेरापंथ सभा के अध्यक्ष गौतमचंद गादिया ने सभी का स्वागत किया। श्रीजैन संघ अध्यक्ष कांतिलाल खिवेसरा, मूर्तिपूजक संघ के संजय जैन, तेयुप अध्यक्ष नितेश गादिया, महिला मंडल की अध्यक्षा संगीता गादिया, तेरापंथ ट्रस्ट के अध्यक्ष पुष्पराज गादिया, माणकचंद गादिया, शांतिलाल सेठिया, विनोद सेठिया, चिराग-विदित सेठिया, डिंपल गादिया, मनस्वी गादिया ने अपनी भावना व्यक्त की। तेरापंथ सभा के मंत्री गौतमचंद नाहर ने साध्वी प्रमुख महाश्रमणी का संदेश वाचन किया।

तेरापंथ सभा के पूर्व अध्यक्ष मदनचंद गादिया ने अपनी पत्नी की तपस्या पर अनुमोदना करते हुए कहा कि हमें इससे प्रेरणा मिलती है। मंगलाचरण तेयुप के निवर्तमान मंत्री राकेश कावडिय़ा ने किया। कार्यक्रम का संचालन समणी प्रशांतप्रज्ञा ने किया। इसके पूर्व संध्या पर तपस्वी के निवास स्थान पर सामूहिक धम्म जागरण हुआ।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो