उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाया जा रहा है। ऑक्सीजन की मात्रा जो 965 टन था उसे बढ़ाकर 1015 टन कर दिया गया है। राज्य के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति ओडिशा तथा झारखंड के जमशेदपुर से हो रही है। राज्य में जिंदाल सहित कई जगहों पर 1100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादित किया जा रहा है जिसकी आपूर्ति पड़ोसी राज्यों को हो रही है। राज्य में उत्पादित ऑक्सीजन का उपयोग राज्य में ही करने की अनुमति सरकार से मांगी जा रही है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सहमति व्यक्त कर चुके हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि जमशेदपुर से 11 मई को रवाना हुई 120 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के 6 टैंकर राज्य में पहुंच चुके है। बिहार तथा कुवैत से जहाज के जरिए पहुंची 180 मेट्रिक टन ऑक्सीजन भी केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को उपलब्ध करवाई गई है। अभी भी राज्य के लिए 6 से 8 टैंकर ऑक्सीजन आना बाकी है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन आपूर्ति की पर्यवेक्षण के लिए 5 वरिष्ठ अधिकारियों की टीम का गठन किया गया है। टीम के सदस्य 24 घंटे पर्यवेक्षण कर रहे हैं।
गैर सरकारी संगठन तथा विभिन्न कंपनियों से मिली मदद देशपांडे फाउंडेशन सहित अन्य कई गैर संरकारी संगठनों की ओर से 70 ऑक्सीजन कंटेनर जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाया गया है। सामाजिक दायित्व निधि के तहत तथा राज्य सरकार की 80 ऑक्सीजन कंटनर जिले को उपलब्ध होंगे। इनका उपयोग नवनिर्मित कोरोना अस्पतालों में किया जाएगा। वेंदांत फाउंडेशन की ओर से किम्स में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल का निर्माण कर लोकार्पण किया गया है। वन मोर ब्रीथ नामक गैर सरकारी संगठन की ओर से जिला अस्पताल में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल का निर्माण किया गया है।
देशपांडे फाउंडेशन की ओर से 250 लीटर क्षमता वाली 2 डोरा सिलेंडर उपलब्ध करवाया गया है। एमआपपीएल तथा ओएनसीसी कंपनी की ओर से 4 टन क्षमता वाली ऑक्सीजन जनरेटर उपलब्ध करवाया जाएगा। एल एंड टी कंपनी की ओर से किम्स तथा जिला अस्पताल में ऑक्सीजन इकाई स्थापित करने के विषय पर चर्चा की गई है। मदद देने वाले सभी निजी इकाईयों के प्रति जगदीश शेट्टर ने आभार व्यक्त किया।