विद्यार्थी ही विधि विश्वविद्यालय का रजिस्ट्रार[typography_font:14pt;” >धारवाड़-हुब्बल्लीशहर के केपीईएस कानून महाविद्यालय में विधि के विद्यार्थी मेजर सिद्धलिंगय्या हिरेमठ को उसी विश्वविद्यालय का रजिस्ट्रार नियुक्त किया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। जानकारी के अनुसार केपीईएस कानून महाविद्यालय के विद्यार्थी सिद्धलिंगय्या हिरेमठ को सरकार ने कर्नाटक कानून विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के तौर पर अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। फिलहाल सार्वजनिक शिक्षा विभाग के अपर आयुक्त के तौर पर कार्यप्रवृत मेजर सिद्धलिंगय्या हिरेमठ को कर्नाटक कानून विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के रूप में अतिरिक्त जिम्मेदारी देकर सरकार ने आदेश जारी किए हैं। उसी विश्वविद्यालय के अधीन कालेज में पढ़ाई करने के दौरान ही विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है। यह कानूनी तौ रपर सही होने के बावजूद नैतिक रूप से क्या यह सही है यह प्रश्न उठा है। आश्चर्य की बात यह भी है कि मेजर सिद्धलिंगय्या हिरेमठ की पत्नी ने भी उसी कालेज में विधि विद्यार्थी के रूप में प्रवेश प्राप्त किया है। सरकार का फैसला गलतकानून विश्वविद्यालय में मूल्यांकन समेत सभी प्रशासनिक फैसले लेने में रजिस्ट्रार का निर्णय प्रमुख होता है। अधीनस्थ कालेज में ही विद्यार्थी रहे व्यक्ति को ऐसे प्रमुख पद पर नियुक्त कर अधिकार चलाना सही नहीं है। सरकार को इस दिशा में अपने निर्णय की पुन: समीक्षा करनी चाहिए। -गुरु पाटील, अधिवक्ता, हुब्बल्ली,