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विद्यार्थियों की जोखिम में रहती है जान

locationहुबलीPublished: Sep 24, 2021 02:48:55 pm

Submitted by:

Zakir Pattankudi

विद्यार्थियों की जोखिम में रहती है जान-परिवहन सुविधा नहीं होने से बसों पर लटक कर जाने की मजबूरीहुब्बल्ली

विद्यार्थियों की जोखिम में रहती है जान

विद्यार्थियों की जोखिम में रहती है जान

अनेक बच्चे स्कूल से दूर रह रहे हैं

कोविड की तीसरी लहर फैलने से रोकने के लिए सरकार दूरी बनाए रखने को लेकर प्रतिदिन अनेक प्रकार के सर्कुलर जारी कर रही है परन्तु क्या यह सरकारी परिवहन व्यवस्था के लिए लागू नहीं होता है यह सवाल उठ रहे हैं। अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभी भी पीछे हट रहे हैं। बच्चों के भविष्य की खातिर झिझकते हुए ही स्कूल भेज रहे हैं परन्तु ग्रामीण इलाकों के गांवों में बसों की कमी से अनेक बच्चे स्कूल से दूर रह रहे हैं।

घंटे तक बस स्टैण्ड में इंतजार

कुंदगोल तालुक के द्यावनूर हिलेबाल गांव के 200 से अधिक छात्र प्रतिदिन अध्ययन के लिए शहर आते हैं। यह छात्र प्रतिदिन एक दूसरे से चिपक कर सफर करते हैं। शहर से इस गांव के लिए सुबह 7 तथा 9 बजे, दोपहर 12, शाम 4, रात्रि 7 बजे की बस को छोड़कर दूसरी बसें ही नहीं हैं। अब स्कूल दोपहर 2 बजे छोडऩे से दो घंटे तक बस स्टैण्ड में इंतजार कर उपलब्ध एक बस पर ही टंग कर सफर करने को मजबूर हैं। इसे छोडऩे पर फिर 7 बजे तक बस स्टैण्ड में ही छात्रों को बस के आने का इंतजार करना पड़ेगा।
इस बारे में विद्यार्थियों ने कहा कि स्कूल में पढ़ाई करने के लिए हमें प्रतिदिन बस पर टंग कर ही जाना पड़ेगा। इसके अलावा हम क्या कर सकते हैं, इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है।
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