मंत्री जोल्ले ने कहा कि जिले में कोविड अस्पतालों में दाखिल होकर मरने वाले अभिभावकों के बच्चों को पहचानने का कार्य करना चाहिए। माता-पिता खो चुके को बेसहारा बच्चों के जीवन का सहारा बनना चाहिए। उनके पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए। ऐसे बच्चों को तुरंत कोविड केयर सेंटर में दाखिल कर आगामी प्रक्रिया करने के लिए संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। उसी प्रकार अभिभावकों को खो चुके बेसहारा बच्चों के बारे में टोल-फ्री नंबर 1098 तथा 14499 पर कॉल कर के जानकारी हासिल कर सकते हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, तालुक प्रशासन एवं आरडीपीआर विभाग में सामंजस्य स्थापितकर ऐसे बेसहारा लड़की और लड़कों के लिए पृथक तौर पर केयर सेंटर शुरू कर उनकी देखरेख की व्यवस्था करनी चाहिए।
शशिकला ने कहा कि शहर के आयुष अस्पताल को कोविड अस्पताल के तौर पर परिवर्तित करने का विचार है। वहां पर बेड, कर्मचारियों तथा मूलभूत सुविधाओं की समीक्षा की जा रही है। विजयपुर शहर में निर्मित सरकारी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के प्रथण चरण का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। इस अस्पताल को कोविड अस्पताल के तौर पर परिवर्तिक करने के बारे में चिकित्सा मंत्री से मांग की जाएगी।
उन्होंने कहा कि विजयपुर, मुद्देबिहाल तथा बसवनबागेवाडी के लिए ऑक्सीजन प्लांट मंजूर हुए हैं। इससे बेहतर तकनीकी ऑक्सीजन सुविधा मिलेगी। इससे आगामी एक माह में प्लांट से ऑक्सीजन सुविधा मिलने की उम्मीद है। विधायक बसनगौड़ा पाटील यत्नाल ने कहा कि शहर में टीकाकरण कार्यक्रम में प्रगति हासिल करनी चाहिए। प्रथम डोज प्राप्त लोगों को दूसरी डोज भी प्राथमिकता से लगवानी चाहिए। आवश्यकता एवं टीके की मांग बढऩे पर तुरंत जिला प्रभारी मंत्री को अवगत कराना चाहिए। प्रति दिन टीकों तथा रेमडेसिविर के बारे में जानकारी देनी चाहिए।