देश की अर्थव्यवस्था डगमगाई[typography_font:14pt;” >हुब्बल्ली/चित्रदुर्गवरिष्ठ कांग्रेस नेता वीएस उग्रप्पा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां भी हाथ डालते हैं वहां सब भस्म हो जाता है। मोदी तथा अमित शाह आधुनिक भस्मासुर हैं। देश की अर्थव्यवस्था डगमगा रही है। चित्रदुर्ग में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उग्रप्पा ने कहा कि आज देश पर भस्मासुरों ने कब्जा कर लिया है। मोदी, अमित शाह देश के आधुनिक भस्मासुर हैं। एक ओर देश की आर्थिक स्थिति डगमगा रही है दूसरी ओर देश की समरसता भस्म हो रही है। उन्होंने 2014 तथा 2019 में देश की जनता के किए किसी भी आश्वासन को पूरा नहीं किया है। आज देश की आर्थिक हालात भयावह हो गए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक से 1.73 लाख करोड़ रुपए निकालने वाली कोई सरकार है तो वह मोदी सरकार है। वहीं देश की रक्षा करने वाले सैनिकों को दिए गए अनुदान में एक लाख करोड़ रुपए कटौती की है। कर्नाटक के लिए पिछले तीन-चार माह में 5,6 00 करोड़ रुपए जीएसटी राशि आनी चाहिए परन्तु अभी तक नहीं आई है। यह हमारी राशि है, जिसपर हमारा अधिकार है। मनरेगा योजना का 2,8 6 7 करोड़ रुपए अभी भी बकाया है। देश की अर्थिक स्थिति लडख़ड़ा गई है। दिवालिया होने की कगार पर जा रही है। उग्रप्पा ने कहा कि बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। अब सीएए पर जोर दिया है। किसी भी देश में धर्म के आधार पर जाति के आधार पर नागरिकता देने का कानून नहीं बना है। आज मोदी तथा अमित शाह अपनी कमजोरी, विफलता को छिपाने तथा जनता को गुमराह करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। समाज को बांटकर शासन करने का प्रयास कर रहे हैं। इस देश में दलितों के आरक्षण को छीनने के प्रयास किए जा रहे हैं। दूसरी ओर श्रेणीकृत जाति व्यवस्था लागू करने वाले संघ परिवार की साजिश के लिए यह मूल है। उग्रप्पा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में अगर हिम्मत है तो इसी नागरिकता संशोधन कानून मुद्दे पर नए जनादेश के लिए जाएं। सीएए, एनआरसी मुद्दे पर जनादेश होना चाहिए। तुरन्त लोकसभा विसर्जित कर बैलेट पेपर के जरिए चुनाव कराएं। आम इस स्तर पर जीत हासिल करेंगे तो हम आखिरी सांस तक भाजपावाले जो कहेंगे उसे मानूंगा।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा के पर काट दिए गए हैं। उन्हें किसी प्रकार का कोई अधिकार नहीं दिया गया है। उन्हें मंत्रिमंडल विस्तार करने की आजादी भी नहीं है। मंत्री पद के मुद्दे के अलावा राज्य की समस्याओं पर चर्चा नहीं हो रही है। इन सबके लिए येडियूरप्पा की बेबसी कारण है। वर्ष 2011 में जिन्होंने येडियूरप्पा को सत्ता से उतारा था वहीं अब उन्हें समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। उग्रप्पा ने मुख्यमंत्री येडियूरप्पा को चुनौती देते हुए कहा कि वे निष्किय मुख्यमंत्री कहलाना चाहते हैं तो ऐसे ही रहें, वरना आलाकमान के खिलाफ उठ खड़े होकर राज्य का विकास करना चाहिए।