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मतदाताओं का मूड़ आया सामने, लोकसभा व विधानसभा चुनाव में अलग-अलग तरीके से करते हैं वोट, पिछले साल विधानसभा में हारने वाली भाजपा ने एक साल बाद लोकसभा की 17 सीटें जीत ली

कर्नाटक में मतदाताओं का मूड एक सा नहीं रहता। यह इस बार के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं ने साबित कर दिया है। यानी विधानसभा चुनाव के समय मतदाताओं का मानस अलग रहता है वहीं लोकसभा चुनाव में वे अलग तरीके से मतदान करते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कर्नाटक के मतदाता विधानसभा और संसदीय चुनावों में अलग-अलग तरीके से वोट देते हैं।

हुबलीJun 05, 2024 / 05:15 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

Lok Sabha Election

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कांग्रेस ने लोकसभा में किया सुधार
मई 2023 में विधानसभा चुनावों में हारने वाली भाजपा ने सिर्फ़ एक साल बाद 17 लोकसभा सीटें जीतीं। कांग्रेस द्वारा जीती गई नौ सीटों में से पांच कल्याण कर्नाटक क्षेत्र में हैं। दिलचस्प बात यह है कि 2014 के लोकसभा चुनावों में मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के पहले कार्यकाल के दौरान कांग्रेस ने नौ सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा ने 17 और जद-एस ने दो सीटें जीती थीं। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में नौ सीटें जीतकर अपनी स्थिति में सुधार किया है, जबकि भाजपा और जद-एस गठबंधन 19 निर्वाचन क्षेत्रों में विजयी हुए हैं। भाजपा ने 17 सीटें जीतीं और जद-एस ने दो निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की। 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने कर्नाटक में कुल 28 में से सिर्फ़ एक सीट जीती थी। भाजपा ने 2019 के चुनावों में 25 सीटें जीतकर जीत दर्ज की थी, जबकि पार्टी द्वारा समर्थित एक निर्दलीय ने भी जीत हासिल की थी। उस समय कांग्रेस के साथ गठबंधन में जद-एस ने एक सीट जीती थी। भाजपा ने बेंगलुरु और कर्नाटक के तटीय क्षेत्र की सभी चार सीटों पर कब्ज़ा कर लिया। पुराने मैसूर क्षेत्र में प्रमुख वोक्कालिगा समुदाय ने 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का समर्थन किया, लेकिन ऐसा लगता है कि उसने लोकसभा चुनावों में भाजपा और जद-एस का समर्थन किया है। कांग्रेस ने केवल हासन और चामराजनगर (आरक्षित) लोकसभा सीटें जीतीं। सबसे बड़ा आश्चर्य केपीसीसी अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के भाई डी.के. सुरेश की बैंगलोर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र में हार है। प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ और पूर्व पीएम एच.डी. देवेगौड़ा के दामाद डॉ. सी.एन. मंजूनाथ ने भाजपा के डी.के. सुरेश को एक लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया। पुराने मैसूर क्षेत्र में कांग्रेस की हार शिवकुमार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है जो वोक्कालिगा समुदाय का नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं।
पिछले साल ही एनडीए में शामिल हुआ था जद-एस
क्षेत्रीय संगठन जद-एस सितंबर 2023 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल हो गया और भाजपा के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ा, जिसमें उसने तीन निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार बनाए। पार्टी ने दो सीटें मांड्या और कोलार जीती। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि ने गुलबर्गा निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के उमेश जाधव को हराया। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और शोभा करंदलाजे (भाजपा)क्रमश: धारवाड़ और बैंगलोर उत्तर लोकसभा क्षेत्रों से निर्वाचित घोषित किए गए हैं। एक अन्य केंद्रीय मंत्री भगवंत खुबा को कांग्रेस मंत्री ईश्वर खंड्रे के बेटे सागर खंड्रे ने बीदर में हराया। मैसूर में पूर्व मैसूर राजघराने के वंशज भाजपा के यदुवीर कृष्णदत्त चामराज वाडियार को निर्वाचित घोषित किया गया तथा पार्टी के दिग्गज नेता बी.एस. येडियूरप्पा के बेटे बी.वाई. राघवेंद्र ने शिमोगा निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की। भाजपा से निष्कासित नेता के.एस. ईश्वरप्पा और फिल्म स्टार शिवराजकुमार की पत्नी गीता शिवराजकुमार को शिवमोग्गा में राघवेंद्र ने हराया। भगवा पार्टी की युवा शाखा के प्रमुख तेजस्वी सूर्या (बैंगलोर दक्षिण), पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी (उत्तर कन्नड़) और विधान परिषद में विपक्ष के नेता कोटा श्रीनिवास पुजारी (उडुपी-चिकमगलूरु) को भी विजेता घोषित किया गया। समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा के बेटे सुनी बोस (चामराजनगर निर्वाचन क्षेत्र), पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जारकीहोली की बेटी प्रियंका जारकीहोली (चिक्कोडी) और वन मंत्री ईश्वर खंड्रे के बेटे सागर खंड्रे (बीदर) ने चुनाव जीता। दावणगेरे निर्वाचन क्षेत्र में वीरशैव-लिंगायत के दिग्गज शमनूर शिवशंकरप्पा की बहू और कांग्रेस उम्मीदवार प्रभा मल्लिकार्जुन ने भाजपा की गायत्री सिद्धेश्वर को हराया। प्रभा मल्लिकार्जुन के पति एस.एस. मल्लिकार्जुन सिद्धरामय्या सरकार में खान और भूविज्ञान मंत्री हैं। गायत्री सिद्धेश्वर सांसद जी.एम. सिद्धेश्वर की पत्नी हैं। हारे हुए मंत्रियों के बच्चों में सौम्या रेड्डी (रामलिंगा रेड्डी की बेटी) बैंगलोर दक्षिण, मृणाल रवींद्र हेब्बालकर बेलगाम (लक्ष्मी हेब्बालकर के बेटे), संयुक्ता पाटिल बागलकोट (शिवानंद पाटिल की बेटी) शामिल है। बैंगलोर सेंट्रल में कांग्रेस उम्मीदवार मंसूर अली खान, जो कि पूर्व राज्यसभा उपसभापति के. रहमान खान के बेटे हैं, भाजपा के पी.सी. मोहन से हार गए। तीनों पूर्व मुख्यमंत्री जद-एस के एच.डी. कुमारस्वामी मांड्या निर्वाचन क्षेत्र में, हावेरी क्षेत्र में भाजपा के बसवराज बोम्मई और बेलगाम निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के जगदीश शेट्टर ने जीत दर्ज की। हासन जिले में यौन शोषण के कई मामलों का सामना कर रहे प्रज्वल रेवण्णा कांग्रेस उम्मीदवार श्रेयस पटेल से हार गए। रेवण्णा को पहले ही जद-एस ने निलंबित कर दिया है।

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