जलाशयों में जल भंडारण स्तर में भारी गिरावट, मानसून समय पर नहीं आया तो हालात और बदतर होने के आसार
बारिश की कमी, सूखे और अत्यधिक धूप के कारण राज्य के विभिन्न जलाशयों में जल भंडारण स्तर में भारी गिरावट आई है। ज्यादातर जगहों पर पानी की समस्या विकराल हो गई है और अगर मानसून समय पर नहीं बरसा तो हालात और भी खराब हो जाएंगे।
चार जिलों के लोगों की प्यास बुझाने वाले सवदत्ती तालुक जलाशय में जल भंडारण घटा है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 1.6 टीएमसी पानी का भंडारण कम है। मालप्रभा पर निर्भर गांवों में पानी की कमी है। पानी केवल पीने के लिए उपलब्ध है और कृषि के लिए पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई है। 2022 में अच्छी बारिश के कारण तुंगभद्रा जलाशय ओवरफ्लो हो गया। बरसात के मौसम में अतिरिक्त 405 टीएमसी फीट पानी बह गया। हालांकि पिछले साल मानसून सीजन के दौरान बारिश नहीं होने के कारण जलाशय केवल 89 टीएमसी फीट तक ही भर पाया था। इस प्रकार 9 मई को 105.79 टीएमसी फीट की भंडारण क्षमता वाले तुंगभद्रा जलाशय का केवल 3.43 टीएमसी फीट ही बचा है। राज्य के अन्य जलाशयों की स्थिति भी इससे भिन्न नहीं है। राज्य के 14 प्रमुख जलाशयों की जल भंडारण क्षमता 895.62 टीएमसी फीट है। वर्तमान में 193.06 टीएमसी फीट जल भंडारण है। पिछले साल इसी अवधि में भंडारण 236.18 टीएमसीएफटी था। जबकि इन जलाशयों में दैनिक प्रवाह 658 क्यूसेक है।
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