दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की समस्या बढ़ रही है, इसके लिए पूरक तौर पर बसों को तैयार किया जा रहा है। बीएमटीसी के कार्य क्षेत्र में ऑक्सीजन बस तैयार की गई है, इससे वहां के लोगों को अत्यधिक सुविधा हो रही है। सांस की समस्या वाले कुछ समय बस में ही बैठकर ऑक्सीजन प्राप्त कर सकते हैं। जरूरत वाले स्थलों पर इन बसों का परिचालन किया जा रहा है। इसी दिशा में परिवहन मंत्री लक्ष्मण सवदी ने राज्य की सभी जगहों पर भी ऑक्सीजन बसों को तैयार करने के निर्देश दिए हैं। निगम क्षेत्र में नौ विभागों में बसों को तैयार किया जा रहा है।
इस बार ग्रामीण इलाके कोरोना के हॉटस्पॉट बन रहे हैं। इस पर काबू पाना उतना आसान नहीं होने के कारण इन भागों के लिए ऑक्सीजन बसें अत्यधिक मददगार साबित होंगी। तालुक केंद्रों में ऑक्सीजन बेड उम्मीद के हिसाब से नहीं रहते। ऐसे में ऑक्सीजन बेड की मांग होने पर कोरोना रोगी कुछ समय के लिए ही सही ऑक्सीजन बसों में इलाज प्राप्त कर सकते हैं। बाद में शहरी इलाके के अस्पतालों को एम्बुलेंस के जरिए भेजा सकते हैं।
एम्बुलेंस पर भार घटा
शहरी इलाकों से तालुक केंद्रों को ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस का इस्तेमाल किया जाता था। इससे मरीजों की सेवा में अत्यधिक दिक्कत हो रही थी। इसके चलते परिवहन निगम की ओर से जिला प्रशासन को पांच वाहनों को दिया गया है। इनका इस्तेमाल कर सिलेंडर परिवहन, अन्य चिकित्सा सामानों को पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे एम्बुलेंस पर दबाव कम होकर मरीजों की सेवा के लिए सुविधा हुई है।