scriptमहंगा है ब्लैक फंगस का इलाज | Treatment of black fungus is expensive | Patrika News

महंगा है ब्लैक फंगस का इलाज

locationहुबलीPublished: May 16, 2021 06:34:46 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

अधिक मांग के कारण बाजार में दवा की भी कमी

महंगा है ब्लैक फंगस का इलाज

महंगा है ब्लैक फंगस का इलाज

हुब्बल्ली. कोरोना संक्रमण से छुटकारा पाकर बाहर आते ही ब्लैक फंगस (म्यूकोर मयोसिस) पीछे पड़ रहा है। इस बीमारी से पीडि़त व्यक्त को इलाज प्राप्त करने के लिए न्यूनतम दो लाख रुपए तक खर्च करना पड़ेगा।
चिकित्सकों का कहना है कि ब्लैक फंगस है यै नहीं इसका रेडियोलॉजी, एनेस्थीसिया के विशेषज्ञ पता लगाएंगे। बाद में नेत्र विभाग तथा कान, नाक और गले के विशेषज्ञ इलाज करेंगे।

शल्य चिकित्सा के लिए लगभग तीन घंटा चाहिए। थोड़ा समय भी पार होने पर शल्य चिकित्सा के विफल होने का खतरा अधिक है। मधुमेह के मरीज होने पर शल्य चिकित्सा करना और अधिक मुश्किल है।
ब्लैक फंगस पीडि़त व्यक्ति को बीमारी से छुटकारा पाने तक प्रति दिन 50 मिलीग्राम एम्फोटेरिसिन का टीका लगाने की जरूरत होती है।

एक टीके की कीमत पांच हजार से साढ़े सात हजार रुपए है। अब अचानक मांग बढऩे से महंगे दाम में बिक रहा है।
माइक्रोडायब्रॉइड मशीन के जरिए इस बीमारी की शल्य चिकित्सा करनी चाहिए परन्तु अब तक यह मशीनें धूल फांक रही थी।


एबीएआरके में शल्य चिकित्सा संभव नहीं
आयुष्मान भारत-स्वस्थ कर्नाटक (एबीएआरके) योजना में इस बीमारी की शल्य चिकित्सा करने का मौक नहीं है। इस बारे में सरकारी स्तर पर चर्चाएं भी हुई हैं।
ब्लैक फंगस पीडि़तों को इस योजना के तहत शल्य चिकित्सा करने की मांग को लेकर राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार को पत्र लिखने की उम्मीद है।

कोरोना संक्रमित 12 रोगियों में ब्लैक फंगस
चिकित्सकों का कहना है कि हुब्बल्ली के किम्स अस्पताल में कोरोना संक्रमित 12 जनों में ब्लैक फंगस पाया गया है। वह भी दस दिनों में ऐसा हुआ है।
वर्ष में लगभग सात से आठ जनों में ब्लैक फंगस नजर आता था। अब हालात बेकाबू हो रहे हैं। हालात ऐसे ही जारी रहने पर और अधिक लोगों को समस्या होने का खतरा है।
इसके चलते कोरोना संक्रमितों का बारी-बारी इलाज करने के साथ ब्लैक फंगस पीडि़तों के शल्य चिकित्सा की भी करनी पड़ेगी। यह संख्या और दो माह में 150 पार होने का अनुमान है।

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