पशुपालकों के घर जाकर किया जा रहा बीमार मवेशियों का उपचार[typography_font:14pt;” >धारवाड़-हुब्बल्लीपशुओं में होने वाली संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए पशु चिकित्सा विभाग जुट गया है। पशुपालकों के घर-घर जाकर मवेशियों को इस बीमारी से बचाव के लिए दवा पिलाई जा रही है। अपर जिलाधिकारी इब्राहिम मैगूर ने बताया कि राष्ट्रीय खुरपका-मुंहपका रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिले के गाय, भैंस आदि मवेशियों को 16 वें चरण के उपचार अभियान में किसानों के घर-घर जाकर ऐसे पशुओं का उपचार किया जा रहा है। वे धारवाड़ में शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय सभा भवन में पशु चिकित्सा विभाग अधिकारियों की सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने चिकित्सा कार्यक्रम की प्रचार सामग्रियों का विमोचन करते हुए कहा कि किसानों को इस चिकित्सा अभियान का सदुपयोग करलेना चाहिए। खुरपका-मुंहपका रोग संक्रामक रोग है जो किटाणुओं से फैलती है। मिट्टी, पानी, हवा आदि से एक पशु से दूसरे पशु को फैलती है। इसकी रोकथाम के लिए मवेशियों को खुराक डालना जरूरी है। मैगूर ने कहा कि पिछले दो वर्षों से जिले के किसी में जानवर को खुरपका-मुंहपका रोग फैलने की फिलहाल जानकारी नहीं है। केन्द्र सरकार देश भर में राष्ट्रीय मुह-पैर उपचार अभियान से 20 चरणों में देश के गाय, भैंस समेत सभी मवेशियों को निशुल्क खुराक डालने की योजना जारी की गई है। उसके अंतर्गत अब 16 वें चरण की खुराक डालने का अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी पशुपालकों को अपने जानवरों को पूर्व सतर्कता बरतते हुए अपने पशुओं को खुराक पिलानी चाहिए। राज्य के अन्य जिले तथा पड़ोसी राज्यों से मवेशी खरीद कर लाने से उनमें यह रोग फैलने की आशंका रहती है। इसके चलते प्रति जानवर को खुराक डालना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि गाय, भैंस, ***** समेत विविध नस्लों के जानवरों को धारवाड़ तालुक में 79 हजार 405, हुब्बल्ली तालुक में 6 1 हजार 194, कलघटगी तालुक में 60 हजार 306, कुंदगोळ तालुक में 32 हजार 426 तथा नवलगुंद तालुक में 43 हजार 59 इस प्रकार धारवाड़ जिले में कुल 2 लाख 76 हजार 390 मवेशियों को खुरपका-मुंहपका रोग की दवा पिलाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि खुराक पिलाने के अभियान को सफल बनाने के लिए पशु चिकित्सकों समेत विविध कर्मचारियों के कुल 38 दल गठित किए गए हैं। प्रति दल को 22 दिनों की अवधि में पृथक ग्राम एवं समय निर्धारित कर खुराक पिलाने की योजना तैयार की गई है। खुराक डालने वाली टीम के आने से पहले प्रति गांव में ढोल बजाकर तथा वाहनों में लाउडस्पीकर लगा कर किसानों को सूचना दी जा रही है। ग्राम समीक्षा कर जानवरों की सूची तैयार की जाती है। उसके अंतर्गत प्रतिदिन सुबह 6 से 10 बजे तक प्रति किसान के घर के दरवाजे पर कर्मचारी पहुंच कर किसानों के मवेशियों को खुराक पिलाते हैं। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त जानकारी तथा किसी भी किसान मवेशियों को खुराक नहीं डालने पर जिला केन्द्र हेल्पलाइन नंबर 0836-2447672 एवं राज्य स्तरीय हेल्पलाइन नंबर 1804250012 को निशुल्क कॉल कर बतासकते हैं। पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के उप निदेशक डॉ. परमेश्वर नायक ने कहा कि इसके साथ ही प्रति किसान परिवार को पशुपालन विभाग की योजना एवं सुविदाओं को संबंधित जानकारी देकर जागरूकता पैदा की जाएगी।