सच्चे भक्तों को हमेशा मिलता है सुकून[typography_font:14pt;” >कराड़श्री राजस्थानी जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ में आचार्य महेन्द्रसागर सूरि ने प्रभु मिलन कार्यक्रम में कहा कि अकलमंद इन्सान भगवान को हर हालत में अपना $खयाल करने वाला और तारने वाला मानता है। उसकी मुराद पूरी हो या न हो प्रार्थना उसकी अस्वीकारी जाए तब भी उसकी प्रार्थना-विनती प्रभु के दरबार की चौखट पर हमेशा सिर टिकाए रहती है। अगर उसकी दुआ कुबूल नहीं हुई तो उम्मीद नहीं होता बल्कि अपनी गलतियों से आगाह होकर फिर से प्रार्थनाओं में लग जाता है। उन्होंने कहा कि आंसू के साथ मुस्कुराहट है, खौफ के साथ अमन है। सच्चे भक्तों को हमेशा सुकून, निर्भीकता और सहायता मिलती है। जो अविश्वासी होते हैं वे ही बुरे हालात के शिकार हो जाया करते हैं। उनकी नजरें-कमरे की दीवार और छत पर ही होती है।आचार्य ने कहा कि मुसीबतों में कभी न घबराओ, सितारे की तरह प्रभु हमें चमक कर इशारा दे रहे हैं कि मैं हूं ना। वही तो हम सभी का तारक है उससे ही मिलने हम चले हैं अगर भक्ति का साथ है तो जरूर हम उससे मिल सकेंगे।