scriptतुलजाभवानी माता का गोंधल पहली बार हिंदी में | Tuljabhavani Mata Ka Gondhal for the first time in Hindi | Patrika News

तुलजाभवानी माता का गोंधल पहली बार हिंदी में

locationहुबलीPublished: Nov 12, 2021 11:15:15 pm

Submitted by:

S F Munshi

तुलजाभवानी माता का गोंधल पहली बार हिंदी में

तुलजाभवानी माता का गोंधल पहली बार हिंदी में

तुलजाभवानी माता का गोंधल पहली बार हिंदी में

तुलजाभवानी माता का गोंधल पहली बार हिंदी में
-मध्यप्रदेश में कलाकार पेश करेंगे
कोल्हापुर
महाराष्ट्र की कुलस्वामिनी तुलजाभवानी माता का गोंधल पहली बार हिंदी में पेश किया जा रहा है। यह गोंधल मध्यप्रदेश के जनजातीय लोककला संग्रहालय एवं बोलीविसाक अकादमी, भोपाल के सांस्कृतिक रंगमंच पर रविवार को पेश किया जाएगा। यह जानकारी भटक्या विमुक्त समाज के अभ्यासक सूर्यकांत भिसे ने दी।
इस बारे में भिसे ने बताया कि देश के भटका विमुक्त जाति जमाती और उनकी लोककला इस विषय पर केंद्र सरकार की बोलीविकास अकादमी के माध्यम से पढ़ाई की जा रही है। भटका विमुक्त समाज पर उनका रहना, रिवाज, संस्कृति, लोककला व शिल्पकला विषयों पर पढ़ाई करने के लिए देशभर से अभ्यासक आते हैं। इस समाज पर संशोधन करते और शोधनिबंध पेश करते हैं। ऐसे में भटका विमुक्त की लोककला और लोकसंस्कृति को पेश करने के लिए देशभर के लोक कलाकारों को यहां आमंत्रित किया जाता है। देशभर से आए अभ्यासकों को उसके बारे में जानकारी मिली इसके लिए उसको हिंदी में पेश किया जाता है।
राज्य के राजाराम कदम (परभणी), केशवराव बडगे, (पुणे), बनसिद्ध भिसे (उमदी, जि. सांगली), धोंडिराम माने (सोलापुर), राजेंद्र गायकवाड (तुलजापुर), सुभाष गोरे (सांगोला, जि. सोलापुर), कालिदास सोनवणे (पंढरपुर, जि. सोलापुर) इन कलाकारों ने मराठी और कन्नड भाषामें अपनी गोंधली कला देश के साथ देश के बाहर भी पेश की है। अब यह लोककला पहली बार हिंदी में पेश की जा रही है। इसको पेश करने का मान अमवरावती जिले के रवींद्र आवाडकर और बैतूल मध्य प्रदेश के लक्ष्मण आवाडकर इस गोंधली समाज के लोककलावंतों की पार्टी को मिली है। इस कार्यक्रम को रविवार शाम 6 बजे पेश किया जाएगा।
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