अधिकारी-जनप्रतिनिधि उदासीन
इस बस स्टैण्ड पर प्रतिदिन हजारों यात्रियों की आवाजाही होती है। वाहनों की आवाजाही के बीच निर्माण कार्य भी इसी बसस्टैंड पर चल रहा है। अनुदान की किल्लत, अधिकारियों व लोकप्रतिनिधियों की लापरवाही की वजह से निर्माण कार्य कछुआ चाल चल रहा है। यात्रियों को इसकी वजह से काफी असुविधा हो रही है।जुर्माना लगाने की दी थी चेतावनी
दिसम्बर 2016 में निर्माण कार्य का उद्घाटन किया गया था। उस समय के मुख्यमंत्री सिध्दरामय्या ने 2018 तक निर्माण कार्य पूर्ण करने को कहा था। निर्माण कार्य में विलंब होने पर जुर्माना लगाने की चेतावनी भी उन्होंने दी थी। वास्तव में निर्माण कार्य 2017 के बाद ही शुरू हुआ। निजी कंपनी को 32.48 करोड़ रुपए लागत वाली निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अनुबंध के अनुसार वर्ष 2016 नवम्बर तक बसस्टैंड का निर्माण कार्य पूर्ण होना था जो अभी तक नहीं हुआ।बाकी हैं कई कार्य
विभिन्न इमारत, बस स्टैंड के प्रांगण में कंक्रीट डालने, रैंप, शौचालय, वाणिज्य शॉप की इमारत, परिवहन अधीक्षक कक्ष, विश्राम गृह, नया रीसाइक्लिंग प्लांट, वाटर रिक्लेमेशन प्लांट आदि निर्माण कार्य शुरू किया गया है। परिवहन निदेशालय ने वित्तीय सहायता प्रदान की है। बेलगावी सहित विभिन्न स्टेशनों से 2000 से अधिक बसें चलती हैं। प्रतिदिन 60 हजार से अधिक यात्री बस स्टैंड का उपयोग करते हैं। अभी तक 70 प्रतिशत तक निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। एक ओर बसों की आवाजाही तो दूजी ओर से निर्माण कार्य चल रहा है। इससे यात्रियों को असुविधा होती है।कोरोना से कार्य प्रभावित
कोरोना की पहली व दूसरी लहर की वजह से भी निर्माण कार्य में अड़चनें आई। ठेकेदार नासिक के हैं, कोरोना के चलते महाराष्ट्र के श्रमिक काम पर नहीं पहुंचे। अभी तक विकास कार्य पर 22 करोड़ रुपए से अधिक लागत आई है। कुछ कारणों के चलते बस स्टैंड के निर्माण कार्य में विलंब हुआ है। निर्माण कार्य को दिसम्बर के अंत तक पूर्ण करने की दिशा में प्रयास किया जाएगा ।
–प्रकाश वी. कबाडे, कार्यकारी इंजीनियर एनडब्ल्यूकेआरटीसी