अधिकारों के साथ कर्तव्यों को भी समझें[typography_font:14pt;” >हुब्बल्लीतहसीलदार शशिधर माड्याल ने कहा है कि गणतंत्र उत्सव का मतलब किसी नेता या प्रमुख का उत्सव नहीं है, यह जनता का उत्सव है। डॉ. अंबेडकर की इच्छा के अनुसार लोगों को अपने अधिकारों व कर्तव्यों को समझ कर शुद्ध मन से कार्य करना ही लोकतंत्र है।तहसीलदार माड्याल तालुक प्रशासन की ओर से आयोजित गणतंत्र दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र दूसरों के अधिकारों को छीनना या फिर हनन करना नहीं है। भारत के हर नागरिक समान हैं। तालुक प्रशासन की ओर से किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए तहसीलदार माड्याल ने कहा कि वे भ्रष्टाचारमुक्त पारदर्शी प्रशासन दे रहे हैं। सभी को पेयजल सुविधा उपलब्ध की है। 108 वर्ष बाद हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर में औसत से 57 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, जिससे अत्यधिक लोगों को समस्या झेलनी पड़ी। इनकी मदद को पहुंचकर समय पर मुआवजा देने की कार्रवाई की गई। मकान खोने वालों को पांच लाख रुपए, आंशिक तौर पर मकान खोने वालों को तीन लाख तथा समस्या में फंसे लोगों को 50 हजार रुपए के हिसाब से तालुक में 27.47 करोड़ रुपए मुआवजा दिया गया है। तबाह हुई फसल के प्रति हेक्टेयर के लिए तीस हजार रुपए मुआवजा उपलब्ध किया गया है। इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी के.जी कुलकर्णी, श्रीनिवास तांबे योग खिलाड़ी रखा हनुमसागर, जंपरोप खिलाड़ी अभिषेक पवार, कृतिक हट्टी, बांसुरी वादक चंद्रकांत हुटगी को सम्मानित किया गया है। विधान परिषद सदस्य बसवराज होरट्टी, श्रीनिवास माने, प्रदीप शेट्टर समेत कई उपस्थित थे। इससे पूर्व तहसीलदार माड्याल ने पुलिस, एनसीसी, एनएसएस तथा विभिन्न स्कूलों के बच्चों के पथ संचलन के जरिए दी गई सलामा को स्वीकार कर ध्वजारोहण किया। इससे पूर्व डॉ. बीआर अंबेडकर तथा महात्मा गांधी के फोटो की पूजा की।