संविधान को समझें[typography_font:14pt;” >धारवाड़-हुब्बल्लीकर्नाटक राज्य कानून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ईश्वर भट् ने कहा है कि संविधान के प्रति सम्मान आना है तो हमारा संविधान क्या कहता है उसे अच्छे से समझना चाहिए। संविधान को जानने के बाद कोई भी व्यक्ति गलती नहीं कर सकता। वे धारवाड़ में मंगलवार को प्रबुद्ध भारत निर्माण फाउण्डेशन, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर स्मारक विकास अकादमी, कर्नाटक बौद्ध साहित्य परिषद तथा चित्तार कलाबळग के संयुक्त तत्वावधान में कर्नाटक विद्यावर्धक संघ सभा भवन में आयोजित संविधान दिवस-2019 कार्यक्रम का उद्घाटन कर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने अस्पृश्यता का निवारण, अल्पसंख्यक कल्याण कर सभी तबको के बीच समानता लाने की बात संविधान में बताई है। भूमि का मालिकाना अधिकार राष्ट्रीकरण कर सभी को समान संपत्ति बंटवारा करने, महिलाओं की आजादी तथा उनके अधिकारों से संबंधित कानून बनाया। सार्वजनिक शिक्षा विभाग के अपर आयुक्त मेजर सिद्धलिंगय्या हिरेमठ ने कहा कि भारतीय संविधान गठन के 70 वर्ष पूरे हुए हैं। विश्व के विभिन्न राष्ट्रों में कुल 782 संविधान हैं। भारत का संविधान सभी को व्यक्तिगत सम्मान दिलाता है। विश्व के विविध राष्ट्रों के संविधान विशेषज्ञों ने भारत के संविधान का अध्ययन कर उसकी सराहना की है। समारोह की अध्यक्षता कर सार्वजनिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. बी.के.एस. वर्धन ने कहा कि संविधान बचेगा तो देश बचेगा। प्रमुख रूप से संविधान व्यक्ति के सम्मान को बनाए रखता है। डॉ. अंबेड्कर के नेतृत्व की टीम ने करीब तीन वर्षों तक लगातार बिना विश्राम के निरंतर अध्ययन कर संविधान की रचना की थी। इस अवसर पर वरिष्ठ कलाकार बी. मारूति तथा जिला सूचना विभाग अधिकारी मंजुनाथ डोल्लिन ने विचार व्यक्त किए। निबंध, क्विज आदि प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों को सम्मानित किया गया। प्रबुद्ध भारत निर्माण फाउण्डेशन की अध्यक्ष मीनाक्षी आदि उपस्थित थे। एफ.बी. कणवी और साथियों की ओर से जागरूकता गीत प्रस्तुत किया गया। अनिल मेत्री और साथियों ने प्रार्थना गीत पेश किया। महांतेश दोटिहाळ ने स्वागत किया। सिद्धराम हिप्परगी ने कार्यक्रम का संचालन किया।