नागरिकता संशोधन कानून का एकजुट होकर करें विरोध[typography_font:14pt;” >हुब्बल्लीसिटीजन फॉर डेमोक्रेसी एवं समाज परिवर्तन समुदाय के प्रमुख एसआर हिरेमठ ने कहा है कि केन्द्र सरकार की ओर से बनाया गया नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) संविधान विरोधी है। इस कानून को देश भर में लागू करने के लिए संसद में विधेयक को पारित करने का सिटीजन फॉर डेमोक्रेसी ने विरोध व्यक्त किया है। शहर के पत्रकार भवन में शनिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में हिरेमठ ने कहा कि यह कानून महात्मा गांधी व डॉ. बीआर अंबेडकर की उम्मीदों के खिलाफ है परन्तु इसे भाजपा तथा संघ परिवार ने लागू कर संविधान पर प्रहार किया है। इस विधेयक ने मानवीय मूल्यों, सर्वजन समभाव, भाईचारा की उम्मीदों पर पानी फेरा है। इसके साथ ही यह देश में हुई आजादी की लड़ाई के इतिहास को दोहराने की कोशिश है। देश की जनता को क्विट इंडिया आंदोलन की तर्ज पर सीएए का विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उप लोकायुक्त पद पर न्यायाधीश बीएस पाटील की नियुक्ति नियमों का उल्लंघन है। इसके चलते कर्नाटक उच्च न्यायालय में पाटील के चयन को चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की गई है। अदालत ने भी चार उत्तरदाताओं को नोटिस जारी किए हैं जो स्वागत योग्य है।हिरेमठ ने कहा कि बेनगल स्थित 4.20 एकड़ जमीन डी नोटिफिकेशन मामला तीन सदस्सीय पीठ के सामने आया है। इसके चलते डीके शिवकुमार तथा बीएस येडियूरप्पा की सुनवाई 7 जनवरी 2020 को होगी, जिसका समाज परिवर्तन समुदाय स्वागत करता है।