मीडियाकर्मियों के लिए वन दर्शन कार्यक्रम का आयोजन[typography_font:18pt;” >गदगक्षेत्रीय वन संरक्षक एस.एम. शिवरात्रेश्वर स्वामी ने कहा कि कप्पतगुड्ड में औषधीय पौधों के अध्ययन तथा पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में बॉटनीकल गार्डन विकसित करने का प्रस्ताव सरकार को सौंपा गया है। वे मीडिया प्रतिनिधियों के लिए आयोजित वन दर्शन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कप्पतगुड्ड पूर्व से पश्चिम तक लगभग ६५ किलोमीटर क्षेत्र में फैला है, जिसमें चार सौ से अधिक प्रकार के औषधीय पौधे पाए जाते हैं। यह स्थल विद्यार्थियों व वैज्ञानिकों के अध्ययन के लिए अत्यंत उपयुक्त है। स्थानीय युवकों को कप्पतगुड्ड सहित चारण आदि के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे पर्यटकों का मार्गदर्शन करने के साथ-साथ रोजगार भी पा सकें। यहां सूर्यास्त व सूर्योदय का दृश्य बहुत ही मनमोहक होता है जो पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है। स्वामी ने कहा कि बीते एक साल के दौरान इस क्षेत्र से १५५ हेक्टेयर वन भूमि अतिक्रमियों के कब्जे से मुक्त करवाकर विभाग ने अपने कब्जे में लिया है।शिरहट्टी अंचल वन संरक्षक एस.एच. पुजार ने यहां आने वाले अप्रवासी पक्षियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने तालाब पर आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए बैनाकूलर की व्यवस्था के बारे में भी बताया। दैवी वन में जंगली जानवरों के लिए की गई पानी की व्यवस्था के बारे में भी समझाया। समय-समय पर जंगल में लगने वाली आग पर किस तरह काबू पाया जाता है इसके बारे में भी पत्रकारों को डेमो के माध्यम से दिखाया। गदग वन उपसंरक्षक ए.वी. सूर्यसेन ने गदग चिडिय़ाघर के सभागृह में वन विभाग की गतिविधियां जैसे-जलवायु, वन संरक्षण एवं भारतीय संविधान में मौजूद अधिनियम तथा वन संरक्षण के कार्यों में नागरिक कर्तव्यों की भी विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर क्षेत्रीय वन अधिकारी एस.बी. पुजार, क्षेत्रीय वन संरक्षक, गदग चिडिय़ाघर के अधिकारी महांतेश पेट्लूर, इकाई वन अधिकारी किरण अंगड़ी, वनकर्मी, सूचना विभाग के कर्मचारी मौजूद थे।