विकिपिडिया की तर्ज पर मिलेगी गांवों की जानकारी[typography_font:14pt;” >धारवाड़-हुब्बल्लीपर्यटन, कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग मंत्री सी.टी. रवि ने कहा है कि विश्वविद्यालय के छात्रों के सहयोग से राज्य के गांवों का अध्ययन किया जाएगा। वे, धारवाड़ में बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय सभा भवन में विभाग की प्रगति समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि धारवाड़ जिले के 359 राजस्व गांव समेत राज्य के सभी गांवों का अध्ययन कार्य शुरू किया जाएगा। इसमें विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के विद्यार्थी भाग लेंगे। गांव का इतिहास, संस्कृति, परम्परा की समग्र जानकारी विकिपीडिया की तर्ज पर ऑनलाइन उपलब्ध करने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को चार दीवारी के पार भी शिक्षा, अनुसंधान करने का मौका दिया जाएगा। इस दिशा में आगामी दिसम्बर में शनिवार व रविवार को विद्यार्थियों के सहयोग में इस कार्य को किया जाएगा। गेजेटियर में छूटे बिंदुओं को संग्रह कर विकिपीडिया की तर्ज पर ऑनलाइन जानकारी दी जाएगी। वरिष्ठ शिक्षा विशेषज्ञों को इस जानकारी को संपादित करने का मौका दिया जाएगा। कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग, रंगायण, गंगुबाई हानगल स्मारक, पर्यटन विभाग तथा धारवाड़ स्थित ट्रस्टों की गतिविधियों की समीक्षा की। मंत्री रवि ने कहा कि धारवाड़ के थैकरे समाधि समेत जिले में संरक्षण के लिए आवश्यक समग्र ऐतिहासिक स्थलों के विकास से संबंधित योजना तैयार कर खर्च का प्रस्ताव सौंपना चाहिए। प्रसिध्द हिंदुस्तानी गायिका डॉ. गंगुबाई हानगल का जन्म स्थल मकान का पुनरुत्थान कर इच्छुकों को देखरेख के लिए देने की योजना तैयार करनी चाहिए। राज्य पर्यटन स्थलों की सूची में धारवाड़ जिले के 4 पर्यटन स्थल हैं। दो के लिए प्रस्ताव सौंपा गया है। जिला पर्यटन विशेषज्ञों से चर्चा कर जिले के जनप्रतिनिधियों की सभा बुलाकर अतिरिक्त स्थलों को राज्य पर्यटन सूची में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले के जनप्रतिनिधियों, विशेषज्ञों, आमजन समेत जिला पर्यटन उद्योग समिति का पुनर्गठन करना चाहिए। पर्यटन तथा कन्नड़ एवं संस्कृति विभागों के सहयोग में जिले की संस्कृति दर्शाने वाला वर्ष 2020 के कैलेंडर को तैयार करना चाहिए। विधायक अरविंद बेल्लद ने कहा कि जिले के अनेक पर्यटक स्थलों को अतिरिक्त मूलभूत सुविधाओं की आवश्यकता है। थैकरे समाधि, केलगेरी तालाब, धारवाड़ का किला समेत प्रमुख स्थलों का संरक्षण एवं विकास होना चाहिए। जिलाधिकारी दीपा चोळन ने कहा कि पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहित करने की दृष्टी से जिले के 6 2 प्रमुख ऐतिहासिक एवं पारम्परिक स्थलों की पहचान की गई है। जिले के पर्यटन क्षेत्र, कला, साहित्य एवं सामाजिक मूल्यों को दर्शाने वाले कॉपिटेबल पुस्तक को आगामी नवम्बर में प्रकाशित करने की तैयारी की जा रही है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. बी.सी. सतीश, अपर जिलाधिकारी इब्राहिम मैगूर, कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग के सह निदेशक के.एच. चन्नूर, डॉ. द.रा. बेंद्रे राष्ट्रीय ट्रस्ट अध्यक्ष डॉ. डी.एम. हिरेमठ, सी. गंगाधरय्या समेत विविध विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।