ग्रामीण बच्चों पर बोझ बनी विश्वास किरण योजनागदगमुंडरगी तालुक के कुछ विद्यार्थी और अभिभावक सरकार की ओर से जारी विश्वास किरण योजना का विरोध कर रहे हैं। विद्यार्थी और अभिभावकों का कहना है कि बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों की सुविधा के लिए अंग्रेजी भाषा का ज्ञान बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से जारी विश्वास किरण शिक्षा योजना अवैज्ञानिक है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विभिन्न गांव के विद्यार्थियों को यहां पहुंचना होगासरकारी पीयू कॉलेज में पढ़ाई कर रहे अनुसूचित जाति जनजाति (अजाजजा) विद्यार्थियों के लिए मात्र यह योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत प्रतिदिन विद्यार्थियों को एक माह तक अंग्रेजी व्याकरण, स्पोकन इंग्लिश तथा पाठ्य पुस्तकों से संबंधित विषय पढ़ाया जाता है। शहरी या नगर क्षेत्र में किसी एक सरकारी कॉलेज को केंद्र बनाया जाएगा। तालुक के विभिन्न गांव के विद्यार्थियों को यहां पहुंचना होगा।प्रतिदिन 60 से 70 रुपए का खर्च ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी कॉलेज में अधिकांश गरीब और मजदूरी करने वालों के बच्चे ही पढ़ते हैं। एक घंटे तक चलाई जाने वाली कक्षा के लिए 20 से 30 किमी की दूरी तय करना पड़ता है। अंग्रेजी कक्षा के बाद विद्यार्थियों को पुन: गांव लौटकर कॉलेज को भी जाना पड़ता है। अंग्रेजी पढऩे के लिए प्रतिदिन 60 से 70 रुपए का खर्च करना पड़ता हैै।समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैसरकारी कॉलेज में कार्यरत अंग्रेजी व्याख्याताओं का उपयोग संसाधन व्यक्ति के तौर पर किया जा रहा है। इसके बदले इन्हें सम्मान राशि दी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र में सेवारत अंग्रेजी व्याख्याताओं को विश्वास किरण कक्षा पूर्ण करने के बाद अपने कॉलेज लौटकर पढ़ाना भी पड़ता है। समय पर बस की व्यवस्था नहीं होने के कारण विद्यार्थियों और व्याख्याताओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। भेदभाव कर रही है सरकारएक अभिभावक ने कहा कि अंग्रेजी पढऩे के शौकीन 2ए, 3ए, 3बी वर्ग के अल्पसंख्यक तथा विभिन्न वर्ग के विद्यार्थी विश्वास किरण योजना से वंचित हो रहे हैं। सरकार इस मामले में भेदभाव कर रही है।सभी को पढ़ाएं अंग्रेजी शिक्षा के मामले में आरक्षण की नीति अनुचित है। अनुसूचित जाति जनजातीय के विद्यार्थियों के साथ साथ सभी वर्ग के विद्यार्थियों को भी अंग्रेजी पढ़ाना चाहिए ।–श्वेता तांब्रगुंडी, छात्रा, सरकारी पीयू कॉलेज, हिरेवडट्टी[typography_font:14pt;” >सरकार दे बस किरायाविश्वास किरण प्रशिक्षण के लिए बेटे को बस का किराया देकर मुंडरगी जाना पड़ता है। सरकार यदि बस का किराया देगी तो इससे बोझ कम होगा।–भरमप्पा तलवार, अभिभावक, हिरेवडट्टी