नायडू को इस बात की नाराज़गी है कि राज्य चुनाव अधिकारियों ने उनकी पहले की कुछ शिकायतों पर कार्रवाई क्यों नहीं की? धरने के मौक़े पर नायडू ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वे पहली बार मुख्य चुनाव अधिकारी से मिलने को मजबूर हुए हैं। उन्होंने अपने जीवन में अब तक मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात नहीं की थी। मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि देश के 22 राजनीतिक दल ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। हम ने बैलट पेपर और गिनती के लिए कम से कम 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों को फिर से अमल में लाने की मांग की है। यहां तक कि हम न्यायालय भी गए। भारतीय चुनाव आयोग ने गलत जानकारी दी कि वीवीपैट की पर्चियों को गिनने में 6 दिन लगते हैं। अगर ऐसा होता, तो जब बैलट पेपर का इस्तेमाल किया जाता था तब एक दिन में परिणाम कैसे निकलते थे?