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फिल्म समीक्षक काती महेश का रहा है विवादों से नाता

locationहैदराबादPublished: Jul 17, 2018 03:46:12 pm

Submitted by:

Shailesh pandey

Hyderabadमहेश काती फिल्म आलोचक और बिग बॉस के पूर्व प्रतिभागी भी हैं। यह पहली बार नहीं है जब फिल्म निर्माता महेश ने विवादास्पद टिप्पणी कि है। वह दलित हैं और चर्चा में बने रहते हैं

mahesh file photo

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(मोइनुद्दीन खालिद की रिपोर्ट)
हैदराबाद / अमरावती। पुलिस ने आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में रामायण पर विवादित बयान देने वाले फिल्म समीक्षक काती महेश की सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस की कोशिश को नाकाम कर दिया। पुलिस को लगा कि कोई बवाल पैदा हो सकता है इसलिए महेश कि प्रेस कांफ्रेंस को मना कर दिया। इसी बीच महेश को आंध्रप्रदेश से बेंगलुरु स्थानांतरित कर देने कि बात भी सामने आई है। महेश काती फिल्म आलोचक और बिग बॉस के पूर्व प्रतिभागी भी हैं। यह पहली बार नहीं है जब फिल्म निर्माता महेश ने विवादास्पद टिप्पणी कि है। वह दलित हैं और चर्चा में बने रहते हैं।


हैदराबाद में दर्ज शिकायत


महेश की हैदराबाद में विवादास्पद टिप्पणियों के कारण स्वामी परिपूर्णानंद और भाजपा के एक विधायक ने महेश के खिलाफ पुलिस थानों में शिकायत दर्ज करवाई थीं। पुलिस ने हिंदू देवताओं का कथित रूप से अपमान करने के लिए उन पर मामला भी दर्ज किया था। जिस पर कार्रवाई करते हुए महेश को राज्य से तड़ीपार कर दिया गया था। अभिनेता महेश ने इस महीने के शुरुआत में तेलुगु चैनल पर डिबेट के दौरान विवादास्पद टिप्पणी की थी। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। श्रीपीठम (काकीनाडा) के स्वामी परिपूर्णानंद ने मांग की थी कि राज्य सरकार महेश के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करे और हिंदुओं की भावनाओं को आहात करने के लिए उन्हें हिरासत में ले। इसके बाद महेश को हैदराबाद से छह महीने के लिए तड़ीपार कर दिया गया और उन्हें आंध्रप्रदेश में उनके मूल स्थान चित्तूर पहुंचा दिया गया।

संगठनों में विवाद जारी


स्वामी परिपूर्णानन्द ने महेश के खिलाफ रैली निकालने कि धमकी दी थी। हालांकि वे भी आपत्तिजनक बयान जारी करते रहे। जिससे सामाजिक ढांचा बिगडऩे का
अंदेशा पैदा हो गया था और फिर स्वामी परिपूर्णानंद को भी हैदराबाद से 6 माह के
लिए तड़ीपार कर दिया गया। बहारहाल, दोनों को तड़ीपार करने कि करवाई के बाद भी दलित फिल्म आलोचक और हिंदुत्ववादी ग्रुपों के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां तक कि प्रोफेसर कांचा इलैया और कई सामाजिक तथा मानव अधिकार संगठनों ने महेश का समर्थन किया जबकि स्वामी के समर्थन में बजरंग दल और राजा सिंह खुल कर आ गए हैं। जबकि, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा था कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से महेश और स्वामी परिपूर्णानंद को छह महीने के लिए नगर से तड़ीपार किया गया है। उन्हें आंध्र प्रदेश में काकीनाडा कस्बे के उनके आश्रम में भेजने कहा गया था।

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