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इस शहर में रक्त की कमी से कोई जान नहीं गंवाता

locationहैदराबादPublished: Feb 10, 2020 08:42:31 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

देश का ऐसा शहर भी है जहां मरीज कम से कम रक्त के अभाव में जान ( Here patient not die due to lack of blood ) नहीं गंवाते। कारण इस शहर में युवाओं के समूह ( Youth group always ready for donation ) ने रक्तदान का प्रण ले रखा है कि जब तक उनकी शिराओं खून की आखिरी बूंद भी बाकी है, कोई भी रक्त के लिए निराश-हताश नहीं होगा।

इस शहर में रक्त की कमी से कोई जान नहीं गंवाता

इस शहर में रक्त की कमी से कोई जान नहीं गंवाता

भैंसा (तेलंगाना) : देश का ऐसा शहर भी है जहां मरीज कम से कम रक्त के अभाव में जान ( Here patient not die due to lack of blood ) नहीं गंवाते। इस शहर में रक्त की आपूर्ति के लिए मरीज और उनके परिजनों को दर-दर भटकना नहीं पड़ता। कारण इस शहर में युवाओं के समूह ( Youth group always ready for donation ) ने रक्तदान का प्रण ले रखा है कि जब तक उनकी शिराओं खून की आखिरी बूंद भी बाकी है, कोई भी रक्त के लिए निराश-हताश नहीं होगा। देश के युवा देश की तकदीर होते हैं, इसे साबित कर रहे हैं भैंसा जिले के कुछ युवकों का एक समूह। इस समूह के सदस्यों में देश के प्रति अपना फर्ज निभाने का जज्बा मौजूद है। इसी जज्बे से जागी है इंसानियत। यह समूह है 300 ऐसे दिलेर युवाओं का जो 24 घंटे रक्तदान करने के लिए तैयार रहते हैं। बस एक कॉल या सूचना की जरूरत है। किसी भी आपातकालीन स्थिति में रक्त की कमी को दूर करने के लिए ये युवा तत्पर हैं।

ब्लड डोनर्स समूह
शहर के इन युवाओं ने अनोखी पहल करते हुए Ó ब्लड डोनर्स Ó के नाम से एक समूह बनाया है। इस समूह को व्हाट्सएप से जोड़ दिया है। रक्त संबंधी जरूरत व्हाट्सएप पर संदेश मिलते ही पूरी की जाती है। जितना युनिट रक्त चाहिए, उतने युवा हाजिर। इस समूह के सभी सदस्य कई-कई बार रक्तदान करके दानियों की सूची में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। ऐसा करके यह साबित कर चुके हैं देश के युवा देश को बनाने में किसी से कम नहीं हैं।

सुरेश ने जलाई मशाल
युवाओं में इस रक्तदान की अग्नि को प्रज्जवलित करने का काम किया क्षेत्रीय अस्पताल में लैट टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत सुरेश ने। दरअसल अस्पताल मे आस-पास के इलाकों के लोग आते हैं। गर्भवती महिलाएं भी अस्पताल आती हैं। इन सभी को आसानी से रक्त नहीं मिल पाता। रक्त का इंतजाम करने में ये लोग लाचार हो जाते हैं। ऐसे ही एक मामले में एक गर्भवती महिला को रक्त की जरूरत पड़ी। उसका ग्रुप ओ पॉजिटिव होने के कारण आसानी से रक्त का इंतजाम नहीं हो सका। महिला की हालत देखकर सुरेश से रहा नहीं गया। सुरेश का रक्त समूह ओ पॉजिटिव होने के कारण, उसने महिला को रक्तदान किया।

सूचना मिलते ही मिलता रक्त
यही से उसके मन में रक्त के लिए भटकते लोगों की मदद का ख्याल आया। इसके बाद उसने व्हाट्एप पर संदेश दिया। हम अकेले ही चले थे जानिब ऐ मंजिल, मगर लोग जुड़ते गए और कारवा बढ़ता गया कि तर्ज शहर के युवा इस गु्रप से जुडऩे लगे। बढ़ते-बढ़ते इनकी संख्या तीन सौ को पार कर गई। अब इस शहर में किसी को रक्त के लिए नहीं जूझना पड़ेगा।

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