सूत्रों के अनुसार, दोनों विधायकों की हत्या एक महिला माओवादी अरुणा के इशारे पर हुई थी। दरअसल अरुणा महिला माओवादियों का नेतृत्व भी कर रही थी। हत्याकांड को अंजाम देकर अरुणा सहित अन्य महिला माओवादी आंध्रप्रदेश की सीमा रेखा को पार कर ओडिसा के सीमावर्ती इलाके में पहुंच चुकी हैं। आंध्रप्रदेश की खुफिया एजेंसी और स्थानीय पुलिस ओडिसा पुलिस के संपर्क में है। सीआरपीएफ की टीम को भी विशेष रूप से सतर्क किया गया है।
स्थानीय लोगों की मदद से तीन माओवादिओं की पहचान कर चुकी पुलिस ने उनसे जुडी जानकारी और फोटो को मीडिया के लिए जारी कर दिया है। यही नहीं, आंध्रप्रदेश के विशाखापट्नम जिला पुलिस और विशेष पुलिस बल कोंबिंग ऑपरेशन चला रही है। पुलिस अधीक्षक राहुल देव के मुताबिक डुंब्रीगुड़ा मंडल के तोट्टंगी के पास सर्वेश्वर राव और सोमा पर हमला करने वालों में अधिकांश सशस्त्र महिला माओवादी ही थीं।
पुलिस द्वारा पहचान की गई तीन माओवादियों में विशाखापट्नम जिले के पेंदुर्ति मंडल के करकवानीपालेम की रेहने वाली वेंकटरवि चैतन्य उर्फ अरुणा, राज्य के पश्चिमी गोदावरी जिले के रिंकीभीमवरम टाउन के सिंदी-चंद्री गांव की रेहने वाली कामेश्वरी उर्फ स्वरूपा तथा पूर्वी गोदावरी जिले के अड्डतीगला थानांतर्गत राइनो गांव के दब्बपालेम का रहने वाला जलमूरी श्रीनूबाबू उर्फ सुनील शामिल हैं।
बता दें कि रविवार को माओवादियों ने तेलुगु देशम पार्टी के विधायक के.सर्वेश्वर राव और पूर्व विधायक एस.सोमा को गोलियों से छलनी कर उनकी हत्या कर दी थी। बताया गया था कि हमले करने वालों में अधिकतर महिलाएं शामिल थी।