बारिश की चेतावनी…
मौसम विभाग ने भी बुधवार को ही हैदराबाद समेत तेलंगाना राज्य में बारिश की चेतावनी दे रखी थी। गुरुवार दोपहर से ही महानगर के अलग- अलग हिस्सों में कहीं हल्की और कहीं तेज बारिश देखी गई। इस साल देश में मानसून के दरमियान जून-सितंबर में औसत से अधिक बारिश हुई है।
अब तक यह रहे हैं बारिश के रिकॉर्ड…
बता दें कि, सन 1916 के अक्टूबर में हैदराबाद में 355.1 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड रहा है। उसके बाद सन 2017 में 248.3 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जो दुसरे बड़े रिकॉर्ड के तौर पर दर्ज किया गया है। सन 2013 में 231.1 मिलीमीटर बारिश हुई थी। 24 अगस्त 2000 को हैदराबाद में 24 घंटे यानी 1 दिन में 241.5 मिलीमीटर बारिश हुई थी।
दूसरी तरफ, तेलंगाना में अक्टूबर महीने में अक्सर चावल, ज्वार, मक्का, हरा चना, काला चना, मूंग फली, सूरजमुखी, बंगाल चना, मिर्च, प्याज और आम की फसलें उगाई जाती है।
तेलंगाना स्टेट अग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के अनुसार तेलंगाना में हर साल औसतन 906.6 मिलीलीटर बारिश होती है। तेलंगाना का कुल भौगोलिक क्षेत्र 114.84 लाख हेक्टर है। उसमें से 49.61 लाख हेक्टर पर फसलें उगाई जाती हैं, जिसमें से 22.89 लाख हेक्टर को सिंचाई में सुविधा हुई। तेलंगाना में 2.90 लाख हेक्टर जमीन को सिंचाई के लिए नहरों के जरिये पानी मिलता है, जबकि उससे कई ज्यादा यानि 10.82 लाख हेक्टर को बोरवेल से मिलता है।
तेलंगाना के कुछ प्रमुख फसलों की पैदावार कुछ इस प्रकार है-
1. चावल-66.22 लाख टन
2. मक्का-35.25 लाख टन
3. सोयाबीन-3.90 लाख टन
4. कपास-42.65 लाख टन
5. मिर्च-2.80 लाख टन
6. हल्दी-2.52 लाख टन
तेलंगाना में लगातार हो रही बारिश की वजह से शहरों में परेशानी हुई है। इन सभी फसलों पर बारिश की वजह से बुरा प्रभाव पड़ा है। साथ ही किसानों को हुए नुकसान का भी अंदाजा लगाया जा रहा है। तेलंगाना और आंध्रप्रदेश, दोनों राज्यों के किसान, विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसान, अनियमित वर्षा और अकाल जैसी स्थिति के कारण फसल हानि का सामना कर रहे हैं। वे खेती की लागत में वृद्धि के कारण कम रिटर्न के बारे में भी शिकायत कर रहे हैं, जिसके कारण कई विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने अधिकारियों से कम उपज के साथ कठिन मौसम का सामना कर रहे किसानों के लिए सभी उपज की खरीद सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
आंध्रप्रदेश में ज्यादा तबाही…
बता दें कि, पडोसी राज्य आध्रप्रदेश के किसानों को तेलंगाना के मुकाबले कुछ ज्यादा नुक्सान झेलना पड़ा है। आँध्रप्रदेश में इस मानसून में तेज बारिश के चलते दूसरी बार गोदावरी और कृष्णा नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण किसानों के खेत डूब गए और फसलें बर्बाद हो गई। आंध्र प्रदेश सरकार ने नदियों के पास के क्षेत्रों में रहने वालों लोगों को चेतावनी दे रखी है। इन क्षेत्रों की सड़कें पानी से भर गई हैं। कुछ ही दूरी का रास्ता तय करने के लिए भी स्थानीय लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। जगह-जगह बचाव कर्मी तैनात किये गए हैं। अगस्त में पूर्व गोदावरी, पश्चिम गोदावरी, गुंटूर और कृष्णा जिले के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे। पिछले महीने गोदावरी नदी के आस-पास के क्षेत्रों में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और आंध्रप्रदेश अग्नि सेवा के 240 से अधिक बचाव कर्मियों को तैनात किया गया था।