तेलंगाना सरकार का फैसला
कोरोना महामारी फैलने के खतरे को देखते हुए तेलंगाना सरकार ने इस साल फैसला लिया कि परीक्षा ना कराई जाए। ऐसे में राज्य सरकार ने उन सभा छात्रों को बिना परीक्षा दिए दसवीं में पास कर दिया, जिन्होंने परीक्षा के लिए फॉर्म भरा था। फॉर्म भरने वालों में नूरुद्दीन भी थे और वो भी अब मैट्रिक पास हो गए हैं। इसके लिए उन्होंने सीएम केसीआर को शुक्रिया भी कहा है। फिल्म की सी है नूरुद्दीन की कहानी नूरुद्दीन हैदराबाद के मुशीराबाद इलाके में एक हाई स्कूल में वॉचमैन का काम करते हैं। वो बताते हैं कि 1987 में पहली बार दसवीं की परीक्षा दी लेकिन इंग्लिश में फेल हो गए। परिवार और दोस्तों ने कहा कि कोई नहीं अगले साल पास हो जाओगे।
कोरोना को दिया श्रेय
इसके बाद उन्होंने फिर परीक्षा दी और फिर फेल हो गए। तीसरे साल फेल होने के बाद परिवार और दोस्तों ने कह दिया कि उनके बसकी बात नहीं है लेकिन नूरुद्दीन परीक्षा देते रहे। हालांकि हर साल नतीजा एक जैसा ही रहा और वो हर बार अंग्रेजी विषय में फेल होते रहे। वो बताते हैं कि पास होने के लिए 35 नंबर की जरूरत होती है और वो 30-32 नंबर ही हासिल कर पाते थे लेकिन इससे उनको हौंसला मिलता रहता था कि दो नंबर कम हैं तो शायद अगले साल पास हो जाएं। उन्होंने ठाने रखा कि दसवीं तो पास करनी ही है। आखिरकार वो कामयाब हो भी गए, भले ही उनके पास होने का श्रेय महामारी को भी जाता हो।
सरकारी नौकरी की चाह में
नूरुद्दीन बताते हैं कि उन्हें सरकारी नौकरी पाने की चाह थी। सबने कहा कि दसवीं के बाद ही सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई कर पाओगे तो वो परीक्षा देते रहे। शुरू में रेगुलर पढ़ाई की और फेल होन के बाद एक्सटर्नल परीक्षा देने लगे। बता दें कि तेलंगाना सरकार ने सैंकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट (एसएससी) की बोर्ड परीक्षा रद्द करके सभी छात्रों को बिना किसी परीक्षा के पास करके अगली कक्षा में भेजा है। इस सत्र में सभी स्टूडेंट्स को इंटरनल असेसमेंट के आधार पर ग्रेड दिए जाएंगे। तेंलगाना में इस साल कक्षा 10वीं के लिए पांच लाख 35 हजार छात्रों ने रजिस्ट्रेशन किया था।
परिवार का सपोर्ट
नूरुद्दीन ने बताया कि मैं 1987 से 10वीं के इम्तिहानात देता आ रहा हूं लेकिन मैं अंग्रेज़ी के इम्तिहान में फेल हो जाता था लेकिन इस साल कोरोना वायरस के चलते मैं पास हो गया। इस बात की मुझे बहुत खुशी है। नूरुद्दीन ने आगे बताया कि मुझे कोई ट्यूशन पढ़ाने वाला नहीं था लेकिन इस दौरान मुझे मेरे भाइयों और बहनों ने बहुत सपोर्ट किया है।