scriptतेलंगाना के कई क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया बोनालु उत्सव | Bonalu festival 2018 celebrated in many areas of Telangana | Patrika News

तेलंगाना के कई क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया बोनालु उत्सव

locationहैदराबाद तेलंगानाPublished: Aug 07, 2018 08:20:35 pm

Submitted by:

Prateek

महानगर में पहले गोलकोंडा और उसके बाद उज्जैनी महाकाली मंदिर में बोनालु उत्सव मनाया जाता है…

file photo

file photo

मोइनुद्दीन खालिद की रिपोर्ट…

(हैदराबाद): तेलंगाना के हैदराबाद और अन्य जिलों में बोनालु बड़ी धूमधाम से मनाया गया। महानगर में पहले गोलकोंडा और उसके बाद उज्जैनी महाकाली मंदिर में बोनालु उत्सव मनाया जाता है। इसके बाद लाल दरवाज़ा स्थित सिंहवाहिनी माता मंदिर में बोनालु उत्सव मनाए जाने की प्रथा है। मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी के.कविता ने भी बोनालु उत्सव बड़े उत्साह से मनाया।


दूसरी तरफ, निज़ामाबाद शहर में बोनालु उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। पिछले दो दिनों शहर के सभी मंदिरों में भारी संख्या में भीड़ लगी थी। सुबह सवेरे शहर के सभी भागों से लोग गाजे-बाजे के साथ सर पर कलश लेकर मंदिरों के लिए रवाना होते देखे गए। इस मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के.लक्ष्मण के साथ विधायक रामचंद्र रेड्डी ने भी माता के दर्शन किए। जन समिति पार्टी के अध्यक्ष प्रो.कोदंडराम ने लाल दरवाज़ा महाकाली मंदिर में माता के दर्शन किए। बोनालु, तेलंगाना का वार्षिक त्यौहार है, जो हैदराबाद, सिकंदराबाद और तेलंगाना के कई अन्य हिस्सों में मनाया जाता है। यह आषाढ़ महीने में अर्थात जुलाई/अगस्त में मनाया जाता है। त्यौहार के पहले और अंतिम दिन येल्लम्मा के लिए विशेष पूजाएं की जाती है। प्रतिज्ञा की पूर्ति के लिए त्योहार में देवी का धन्यवाद भी किया जाता है।

 

 

बोनालु एक ऐतिहासिक त्यौहार है, जो 1813 में हैदराबाद और सिकंदराबाद में तब हुआ था, जब प्लेग नामक बीमारी ने हज़ारों लोगों की जान ली। हैदराबाद से एक सैन्य बटालियन को उज्जैन में तैनात किया गया था, ताकि वे प्लेग को नियंत्रित करने के लिए वहां प्रार्थना कर सकें। सैन्य बटालियन ने मध्य प्रदेश में उज्जैन में स्थित महाकाली मंदिर में मां देवी से प्रार्थना की थी कि यदि लोग इस बीमारी से मुक्त हो जाते हैं, तो वे माता की मूर्ति सिकंदराबाद में फिर से स्थापित करेंगे और हुआ भी यही। इस अवसर पर महिलाएं पारम्परिक साड़ी, गहनें और आभूषण पहन कर सज-धज कर तैयार होती हैं तथा कुवांरी लडकियां हाफ-साड़ी और आभूषण पहनती हैं। कुछ महिलाएं अपने सिर पर घड़ों का संतुलन बनाते हुए माता के सम्मान में बजाए जा रहे ड्रम और लयबद्ध ध्वनियों पर नृत्य करती हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो