कॉलेज की छात्राएं और परिवारजन तेलंगाना के गृह मंत्री नयनी नरसिंहारेड्डी से भी मिल चुके हैं और नर्सिंग कॉलेज के पदाधिकारी संजय के खिलाफ यौन उत्पीड़न पर लिखित शिकायत दी थी। गृह मंत्री ने निजामाबाद पुलिस कमिश्नर द्वारा इस मुद्दे की मुकम्मल जांच करवाने के लिए डीजीपी महेंद्र रेड्डी को आदेश दिया है। इन छात्राओं ने इस से पहले एक महिला सहायता समूह को भी अपनी पीड़ा बयां कि थी। निजामाबाद पुलिस कमिश्नर को तेलुगु में लिखी गई चिट्ठी में छात्रा ने लिखा है कि डी संजय कॉलेज की कई छात्राओं के साथ असभ्य व्यवहार और अश्लील इशारे करता है। डी संजय छात्राओं को जान से मारने की धमकियां भी देता है। ऐसे में कॉलेज में रहकर कोर्स पूरा करना बहुत मुश्किल है। लिहाजा उन्हें न्याय दिलाया जाए और कॉलेज की मान्यता रद्द की जाए।
यह लिखा है चिट्ठी में
चिट्ठी में छात्रा ने आगे लिखा है कि “26 जुलाई को मैं कॉलेज की सीढ़ी से गिर गई थी। कॉलेज का प्रबंधक डी संजय मुझे कॉलेज के लैब में ले गया और बोला कि कपड़े उतारकर दिखाओ कहां चोट लगी है। लेकिन तभी कुछ छात्रों के लैब की तरफ आने की आवाज सुनकर पीछे हट गया। अगले दिन मुझे अपने घर बुलाया। मैं अपनी सहेली के साथ डी संजय के घर गई। वहां संजय मुझसे जबरदस्ती करने लगा और विरोध करने पर हमें एक कमरे में बंद कर दिया। वहां से मैंने कॉलेज की एक महिला लेक्चरर को फोन कर मदद मांगी, लेकिन उन्होंने मेरी मदद करने से इनकार कर दिया। कुछ देर बाद वहां श्रीजा नाम की एक महिला आ गई, तो संजय ने हमें घर से बाहर कर दिया। बताया जाता है कि इस चिट्ठी में 11 लड़कियों के नाम लिखे हैं।
राजनीतिक रंग भी
पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। निर्भया क़ानून के अलावा डी संजय पर 354, 354ए, 342 धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया है, लेकिन सांसद डी श्रीनिवास के बेटे डी संजय ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए इसे सियासी साजिश बताया है। सत्तारूढ़ टीआरएस के राज्यसभा सदस्य धर्मपुरी श्रीनिवास और निजामाबाद से ही लोकसभा सांसद तथा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता के बीच काफी समय से सियासी रस्साकसी चल रही है। यहां तक कि कविता ने श्रीनिवास को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए टीआरएस से ख़ारिज करने के लिए लिखा था। इतना ही नहीं डीएस के दूसरे बेटे अरविंद की भाजपा से नज़दीकियां भी बढ़ती जा रही हैं। अरविंद राजनीति में बहुत सक्रिय हैं और आने वाले चुनावों में भाजपा से टिकट की उम्मीद कर रहे हैं। इसलिए, संपूर्ण मुद्दा राजनीतिक रंग अख़्तियार कर गया है।